छत्तीसगढ़ में अब सीजीपीएससी के लिए करनी होगी यूपीएससी की तर्ज पर तैयारी
छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (सीजीपीएससी) में चयन के लिए अब राहें आसान नहीं होने वाली हैं। अब इसने परीक्षाओं को संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर तैयार करने का फैसला लिया है। इस बार सीजीपीएससी में प्रश्नों के चयन और स्तर से समझा भी जा सकता है।
यूपीएससी स्तर पर परिणाम अपेक्षा के अनुरूप कम
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्षों से एक ही पैटर्न में सवाल पूछे जा रहे थे। सीमित सिलेबस होने के चलते सवाल भी मिलते-जुलते ही आ रहे थे। सीजीपीएससी व लोकसेवा आयोग की परीक्षा के स्तर व पैटर्न में काफी अंतर होने की वजह से हमारे यहां राष्ट्रीय स्तर पर परिणाम अपेक्षा अनुरूप काफी कम रहे।
इसे ध्यान में रखते हुए सीजीपीएससी की परीक्षाओं को यूपीएससी के स्तर पर लाया जा रहा है, ताकि अभ्यर्थियों की तैयारी उस स्तर पर ले जाई जा सके। हाल ही में हुई सीजीपीएससी की परीक्षाएं उसी स्तर पर लाने का एक प्रयोग रहा। इधर प्रश्नों के हो रहे चयन व प्रयोग को लेकर अध्ययन विशेषज्ञों ने सवालों को असंतुलित बताया है।
47 प्रश्न हुए हल तो मुख्य परीक्षा के लिए रहें तैयार
डिप्टी कलेक्टर के 15, डीएससी के 30 पदों समेत 171 प्रशासनिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। सीजीपीएससी ने सोमवार को माडल उत्तर पुस्तिका जारी कर दी है, लेकिन 13 फरवरी को हुई सीजीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा की जटिलता अभ्यर्थियों में चर्चा का विषय बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिनके 45 से 47 सवाल भी सही आ रहे हों, वे मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं। जहां पिछली बार कटआफ 120 अंक से अधिक गया था, इस बार 90 से 100 अंक कटआफ की उम्मीद जताई गई है।
एक्सपर्ट व्यू
सीजीपीएससी की परीक्षा यूपीएससी की तर्ज पर होना ठीक है, लेकिन प्रश्नों के चयन को भी तथ्यात्मक करने की जरूरत है। प्रश्नों का चयन असंतुलित नहीं होना चाहिए, जैसे इस बार देखा गया। इस बार की परीक्षा में कटआफ अधिकतम 90 से 95 तक जाने की उम्मीद है।
-अंकित अग्रवाल, संचालक, उड़ान आइएस एकेडमी
लोकसेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रही हूं। इस बार की परीक्षा बेहद जटिल थी। दो सालों से जिस तरह से परीक्षा में प्रश्नों के पैटर्न बदल रहे हैं। यह यूपीएससी स्तर का है। तैयारी और अधिक करनी होगी।