जबलपुर में एक 82 वर्षीय बुजुर्ग की उनके ही बेटे ने बेरहमी से हत्या कर दी। बुजुर्ग अपने बेरोजगार बेटे को बार-बार काम करने के लिए टोकते थे। इससे गुस्साए बेटे ने अपने पिता के सिर पर पहले हथौड़ी मारी। फिर उस्तरे से उनका गला काट दिया। घटना 11 सितंबर की रात की है।
पिता की मौत के बाद घर पर ताला लगाकर बेटा फरार हो गया। 2 दिन बाद 13 सितंबर को घर से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने माढोताल पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़कर देखा गया तो अंदर बुजुर्ग अजीत सिंह लाश पड़ी थी। बेटा अमरजीत सिंह गायब था।
14 सितंबर (रविवार) को उसे रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि वह फरार होने की कोशिश में था। पुलिस ने आरोपी बेटे को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है।

रात में पड़ोसी ने दी सूचना दरअसल, 13 नवंबर की रात 2 बजे पड़ाेस में रहने वाले मंगल सिंह ने माढोताल पुलिस को सूचना दी। उन्होंने बताया कि मदर टेरेसा नगर में शिव शक्ति हनुमान मंदिर के पास रहने वाले पड़ाेसी अजीत सिंह के घर से बदबू आ रही है। उनका बेटा भी गायब है। सीएसपी भगत सिंह गठोरिया, टीआई नीलेश दोहरे और पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जहां देखा कि घर के बाहर ताला लगा हुआ है।
आसपास पूछताछ की तो पता चला कि 2 दिन से घर पर कोई हलचल नहीं हुई है। अभी बदबू आ रही है। पुलिस ने घर का ताला तोड़ा, तो देखा कि अंदर अजीत सिंह की लाश पड़ी हुई है, जिनके सिर और गले में निशान हैं।
गले, सिर और माथे पर चोट के निशान पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़कर देखा तो अजीत सिंह घर के सामने वाले ही कमरे में बेड पर मृत अवस्था में पड़े हुए थे। गले, सिर और माथे पर चोट का निशान थे। उनका खून निकला हुआ था। मौके पर आरोपी अमरजीत को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त हथौड़ी, उस्तरा और मोबाइल जब्त कर लिया है। आरोपी ने इसे अपने घर में छिपाकर रखा था।
दो बेटे हैं, 15 साल पहले पत्नी की मौत माढ़ोताल थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो आसपड़ोस के लोगों ने बताया कि अजीत सिंह के दो बेटे हैं। पत्नी की 15 साल पहले मौत हो गई। अजीत सिंह प्रवचन किया करते थे। उम्र अधिक होने के कारण कुछ सालों से घर पर ही रहते थे।
बेटा अमरजीत सिंह पहले मेडिकल स्टोर में काम करता था। कुछ माह से वह कोई काम नहीं कर रहा था। जिसके चलते अकसर पिता और पुत्र के बीच विवाद होता था।
13 सितंबर की रात 2 बजे पड़ोस में रहने वाले मंगल सिंह ने सूचना दी कि पड़ोस के मकान से बदबू आ रही है। वहां अजीत सिंह अपने बेटे अमरजीत के साथ निवास करते हैं। उनसे फोन लगाकर संपर्क किया लेकिन फोन लगातार बंद आ रहा है।
बड़ा बेटा केंद्रीय विद्यालय में प्रिंसिपल
अमरजीत सिंह सिख समाज में प्रवचन करते थे। समाज में उनका अच्छा नाम था, इतना ही नहीं सिख समाज के लोग उनका आदर भी करते थे। 2010 में बीमारी के चलते उनकी पत्नी का निधन हो गया था। मृतक का बड़ा बेटा केंद्रीय विद्यालय पुणे में प्रिंसिपल हैं, और अपने परिवार के साथ वही रहते हैं, जबकि आरोपी छोटा बेटा अमरजीत ने विवाह नहीं किया है जिसके चलते वह है पिता के साथ रहता था।