हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी के बयानों से नाराज वकील और अन्य लोग मंगलवार को पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचे हैं। जहां उन्हें कमिश्नर से मिलने नहीं दिया गया, जिससे गर्मागर्मी की स्थिति बनी है। हालांकि बाद में कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने ज्ञापन ले लिया। ये लोग तिवारी पर एफआईआर की मांग कर रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे लोग तिवारी के बयानों से नाराज हैं। ज्ञापन देने जाने से पहले वरिष्ठ एडवोकेट सैयद साजिद अली ने लोगों से अपील की कि वह इकट्ठे हों और भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब की हिफाजत के लिए पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। इसके बाद वकील और आमजन पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंच गए। अली की अपील को देखते हुए पुलिस कमिश्नर कार्यालय में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

पुलिस कमिश्नर कार्यालय में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से वहां पहुंचे लोगों को पुलिस कमिश्नर से नहीं मिलने दिया, तो वहां गर्मागर्मी की स्थिति बनी। एडवोकेट अली का कहना है कि तिवारी लगातार ऐसे बयान (भाषण) दे रहे हैं, जो भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

पुलिस ने कमिश्नर कार्यालय के बाहर वकीलों और आम लोगों की आवाजाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। केवल अधिकृत लोगों को ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है। बावजूद इसके, बड़ी संख्या में लोग बाहर इकट्ठा हो रहे हैं। दो से तीन वरिष्ठ वकीलों ने अंदर जाकर बैठने की अनुमति मांगी, उनको अंदर भी नहीं जाने दिया गया।

भोपाल अमन का टापू
इस मौके पर मौजूद एक वरिष्ठ अधिवक्ता साजिद अली ने कहा कि भोपाल हमेशा से अमन का टापू रहा है। उन्होंने कहा कि, मैं उम्र और तजुर्बे के हिसाब से इस शहर का गवाह हूं। सैकड़ों बार हिंदू उत्सव समिति के कार्यक्रमों में शरीक हुआ हूं। रंग पंचमी हो, होली, दिवाली या दशहरा, हर जगह मिलजुलकर स्वागत किया है।
कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी ने किसी पर पत्थर फेंका हो। लेकिन आज बहुत अफसोस की बात है कि चंद्रशेखर तिवारी जैसे लोग गंदगी और नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे तत्वों पर सरकार और प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। कानून सबके लिए बराबर है और जो भी इसके खिलाफ जाएगा, चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी साफ किया कि इस प्रदर्शन के लिए किसी को बुलाया नहीं गया था। “जो लोग आए हैं, वो अपनी भावना से आए हैं। आमतौर पर अच्छे कामों में लोग कम आते हैं, लेकिन आज जो यहां इकट्ठा हुए हैं।
एफआईआर दर्ज न होने पर नाराजगी वकीलों ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में पुलिस और सरकार उदासीन रवैया अपना रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषोत्तम गुप्ता ने कहा कि, एफआईआर तो बहुत पहले दर्ज हो जानी चाहिए थी। शहर की आबोहवा हम वर्षों से संभाले हुए हैं। लेकिन अब इस आबोहवा को बनाए रखने के लिए सबको मिलकर खड़ा होना पड़ेगा। गणेश मूर्ति तोड़ने की घटना की जांच पुलिस ने सही तरीके से कर ली है और असल दोषियों का पता लगा लिया है, लेकिन उन्हें ‘जिहादी’ कहकर या दंगा भड़काने की बातें करना बिल्कुल गलत है। हिंदू और मुसलमानों को मिलजुलकर रहना ही पड़ेगा, यही हमारी विरासत है।
उन्होंने यह भी कहा कि भोपाल की आवाम को अब तय करना होगा कि गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए और जो लोग इस मुद्दे पर चुप हैं, उन पर भी गंभीरता से विचार करना होगा