विदिशा नगर पालिका परिषद एक बार फिर विवादों में घिर गई है। शहर में विकास कार्यों की ठहराव और नगर पालिका में पार्षदों की सुनवाई न होने के कारण भाजपा पार्षदों ने आज (बुधवार) धरना प्रदर्शन शुरू किया। पार्षदों ने वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और विकास कार्य रोकने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
धरना नीमताल चौराहे पर शुरू हुआ, जिसकी अगुवाई पार्षद धर्मेंद्र सक्सेना कर रहे हैं। धीरे-धीरे अन्य पार्षद भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। गांधी चौक पर अनिश्चितकालीन धरने की अनुमति भी प्राप्त की गई है।
धर्मेंद्र सक्सेना ने आरोप लगाया कि नगर पालिका पूरी तरह ठप है और अधिकारी-कर्मचारी बिना पैसे के कोई काम नहीं करते। उन्होंने बताया कि वार्डों से ₹1200 सालाना कचरा टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि कचरा गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच रही हैं। सक्सेना ने यह भी दावा किया कि विदिशा के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नगर पालिका के विकास कार्यों को रोक रखा है।
पार्षद बोले- कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ पार्षदों का कहना है कि पिछले तीन सालों में कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ। सक्सेना ने सीवेज लाइन डालने के काम में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि जिन वार्डों में सीवेज लाइन की आवश्यकता थी, वहां काम नहीं हुआ, जबकि निजी कॉलोनियों में यह कार्य कराया गया।
पार्षद राजेश लोधी ने कहा कि नगर पालिका में बिना पैसे के कोई काम नहीं होता और अधिकारियों की मनमानी जारी है। उन्होंने बताया कि जनता की समस्याएं जैसे सड़क, नाली, पानी और सफाई की खराब स्थिति जस की तस बनी हुई हैं।
39 में से 38 पार्षद सौंप चुके अविश्वास प्रस्ताव
कुछ माह पूर्व 39 में से 38 पार्षदों ने नपाध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा के खिलाफ कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था। वहीं, हाल ही में प्रीति शर्मा ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने वित्तीय अधिकार उपाध्यक्ष संजय दिवाकीर्ति को सौंप दिए थे। इसके बावजूद नगर पालिका की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ है।
पार्षदों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, धरना अनिश्चितकालीन जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर भूख हड़ताल भी की जाएगी।




