मध्यप्रदेश में डीएसपी संतोष पटेल के नाम पर छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिला से 72 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है। पीड़ित महिला ने डीएसपी पटेल के खिलाफ नामजद FIR कराने के लिए पुलिस में आवेदन दिया था। कार्रवाई नहीं होने पर उसने दो महीने पहले पीएमओ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को शिकायत भेजी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले की जांच के आदेश दिए। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस असली अधिकारी को खोजते हुए बालाघाट पहुंची। महिला ने जिस अधिकारी का नाम बताया, वह सोशल मीडिया पर 22 लाख फॉलोअर्स वाले डीएसपी संतोष पटेल थे।
यहां पता चला कि महिला से 72 लाख रुपए ठगने वाला व्यक्ति कोई अधिकारी नहीं, बल्कि एमपी का एक जेसीबी ऑपरेटर है, जिसने सालों तक डीएसपी की फोटो और पहचान का गलत इस्तेमाल किया। पुलिस ने उसे 12 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया।
महिला FIR चाहती थी, पुलिस ने कहा-पहले जांच होगी दो महीने पहले पीड़ित महिला ने कुसमी थाने में डीएसपी संतोष पटेल के नाम पर FIR दर्ज करने का आवेदन दिया था। पुलिस ने उसे बताया कि नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अनुसार पहले जांच होगी, फिर FIR की प्रक्रिया होगी। महिला को लगा कि पुलिस जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रही है। इसी शंका के बाद उसने पीएमओ और छत्तीसगढ़ सीएम को विस्तृत शिकायत भेज दी।
पीएमओ के निर्देश आते ही तेज हुई जांच पीएमओ से आदेश आने के बाद कुसमी पुलिस ने मामले में तेज जांच शुरू की और पता लगाया कि अधिकारी वर्तमान में बालाघाट हॉक फोर्स में पदस्थ हैं। टीम बालाघाट पहुंची और असिस्टेंट कमांडेंट (पूर्व डीएसपी) संतोष पटेल को दस्तावेज दिखाए। दस्तावेजों में उनकी वर्दी वाली फोटो देख उन्हें भी झटका लगा। उन्होंने साफ कहा कि “मैंने महिला से कभी बात नहीं की, न पैसे मांगे।”
वीडियो कॉल पर भी महिला नहीं मानी असली अधिकारी ने महिला से वीडियो कॉल की। लेकिन महिला ने कहा कि “तुमने ही पैसे लिए हैं। फोन पर कभी चेहरा नहीं दिखाते थे, आज पुलिस है इसलिए दिखा रहे हो।” यही बात पुलिस के लिए सबूत बन गई कि कॉल पर बात करने वाला असली अधिकारी नहीं था, बल्कि कोई और व्यक्ति उनकी फोटो लगाकर ठगी कर रहा था।

असली आरोपी सीधी का जेसीबी ऑपरेटर निकला जांच में सामने आया कि ठगी करने वाला व्यक्ति संतोष पटेल (29) निवासी—पड़खुरी पचोखर, चुरहट थाना, जिला सीधी है। 2016 में वह छत्तीसगढ़ में सड़क निर्माण कंपनी में जेसीबी ऑपरेटर था। इसी दौरान उसकी पहचान कंजिया गांव की ललकी बाई से हुई। कुछ समय बाद उसने महिला को फोन कर खुद को एमपी पुलिस का डीएसपी बताया और कहा कि “मेरी नौकरी भी पैसे देकर लगी है, मैं तुम्हारे दोनों बेटों को भी पुलिस में भर्ती करवा दूंगा।”
महिला ने जमीन बेची, कर्ज लेकर दिए पैसे 2018 से 2025 के बीच आरोपी ने महिला से फोन-पे और अन्य माध्यमों से करीब 72 लाख रुपए हासिल किए। महिला ने रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए और अपनी जमीन तक बेच दी। आरोपी लगातार और रुपए मांगता रहा।
आरोपी गिरफ्तार, सारे पैसे खर्च कर दिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने 12 नवंबर को आरोपी को सीधी से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने कहा कि वह सारा पैसा खर्च कर चुका है। पुलिस अब यह पता कर रही है कि 72 लाख रुपये कहां-कहां खर्च या निवेश किए गए।




