76वें स्थापना दिवस पर अभाविप ‘छात्रोत्कर्ष’कार्यक्रम आयोजित
भोपाल। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के 76वें स्थापना दिवस पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में ‘छात्रोत्कर्ष’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे और विशिष्ट अतिथि अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र सिंह सोलंकी रहे। कार्यक्रम में सैकड़ों विद्यार्थी, प्राध्यापक, और प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
डॉ. विकास दवे ने कहा कि एबीवीपी एक मात्रा संस्था है जो खुद को संगठन कहता है। ये संगठन पत्थर से कांच तोडऩे वाला नही बल्कि राष्ट्र सक्ती छात्र शक्ति वाला संगठन है। साथ ही डॉ. दवे ने कहा कि विवेकानंद जी को 100 लोगों के मांगने की जरुरत नहीं होती अगर अभाविप का गठन स्वतंत्र के पहले हो गया होता क्योंकि जहां देश की बात होती वहां अभाविप का हर एक कार्यकर्ता खड़ा रहता है। व्यक्ति नहीं संगठन सर्वोपरि रहता है यह एवीबीपी सिखाता है। भगत सिंह राजगुरु सुखदेव को अपना आदर्श मानने वाला एक मात्रा संगठन अभाविप है। जिस उम्र में एक युवा अपनी शिक्षा भविष्य परिवार का सोचता है उस उम्र में अभाविप का कार्यकर्ता देश सेवा मे लग जाता है। गुजरात के एक युवा ने जिस ईस्ट इंडिया कम्पनी ने भारत पर राज करा उस कंपनी के 75 प्रतिशत शेयर खरीद कर आज भारत ने उस कंपनी को अपना गुलाम बना लिया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन अभाविप है, जो राष्ट्र प्रेम से परिपूर्ण है और राष्ट्र प्रथम की भावना से कार्य करने वाले व्यक्तियों के निर्माण से राष्ट्र पुनर्निर्माण की अलख जगा रहा है और विद्यार्थियों में सेवा, समर्पण, संवेदना, स्वाभिमान, समरसता, सहजता जैसे गुणों का विकास विविध प्रकल्पों और आयामों के माध्यम से कर रहा है। अभाविप ये मात्र छात्र संगठन का नाम नहीं। बल्कि एक जीवनदृष्टि है। अभाविप याने यौवन, उत्साह, आनंद, शौर्य, ताकत, जोश और होश है। कार्यक्रम के पश्चात बरकतउल्ला विवि के ज्ञान-विज्ञान भवन से अभाविप प्रांत कार्यालय (भारत माता चौराहा) तक वाहन रैली निकाली गई, जिसमें सैकड़ों विद्यार्थियों ने भाग लिया। वाहन रैली का समापन चौराहे पर स्थित भारत माता की आरती के बाद हुआ।