दिल्ली की IAS एकेडमी के बेसमेंट में पानी भरने से तीन स्टूडेंट्स की मौत के बाद मध्यप्रदेश में भी कोचिंग संस्थानों पर सख्ती शुरू हो गई है। भोपाल में बेसमेंट में चल रहीं 7 कोचिंग और दफ्तरों को सील कर दिया गया। वहीं, इंदौर में 17 संस्थानों पर कार्रवाई की गई। इनमें 13 लाइब्रेरी बेसमेंट में और 4 कोचिंग प्लाईवुड की छत के नीचे संचालित हो रही थीं। ग्वालियर में भी तीन संस्थानों को सील किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को दिल्ली की घटना से सबक लेते हुए कलेक्टरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए थे। सीएम ने कहा था, ‘यह गंभीर घटना है और एमपी में ऐसी स्थितियों से निपटने के निर्देश कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को दिए गए हैं। कलेक्टर जिलों में किए गए इंतजामों की प्राथमिक रिपोर्ट जल्दी ही देने वाले हैं।’
वहीं, मध्यप्रदेश शासन ने सभी 16 नगर निगम कमिश्ररों से भी बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों, धर्मशालाओं की रिपोर्ट मांगी है।
भोपाल में कोचिंग का बेसमेंट और दफ्तर सील

भोपाल के एमपी नगर में चल रही कौटिल्य एकेडमी का बेसमेंट और दफ्तर सील किए गए हैं।
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा बनाई गई टीम ने मंगलवार को एमपी नगर जोन 2 में चल रहीं कोचिंग क्लासेस का निरीक्षण किया। इनमें बेसमेंट में संचालित की जा रही 7 कोचिंग क्लासेस को सील कर दिया गया। इधर, शहर में बेसमेंट में सिर्फ कोचिंग क्लासेस ही नहीं चल रहीं बल्कि कई दुकानें, ऑफिस और छोटे-मोटे वर्कशॉप भी चल रहे हैं।
जिन पर कार्रवाई की गई उनमें कौटिल्य अकादमी, द लैंप क्लासेस, अनएकेडमी सेंटर, रेजोनेंस क्लासेस, स्टेप अप अकादमी, नीट मेंटर, फिजिक्स वाला कोचिंग व अन्य क्लासेस शामिल हैं। इनमें बिना अनुमति के बेसमेंट में संचालित होते पाई गई कोचिंग क्लासेस के अलावा पार्किंग की जगह अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में उपयोग होना पाया गया। इसके अलावा यहां पर सुरक्षा के इंतजामों की भी अनदेखी की जा रही थी। इन कोचिंग क्लासेस को सील करके इन्हें नसीहत दी गई है।
एसडीएम आशुतोष शर्मा ने बताया, ‘जांच में पता चला कि बिल्डिंग के बेसमेंट में पढ़ाई होती है। जब टीम मौके पर पहुंची, तब बेसमेंट में पढ़ाई नहीं हो रही थी, लेकिन भविष्य में ऐसा न हो इसलिए बेसमेंट और ऑफिस सील कर दिया। ऊपरी हिस्से में पढ़ाई चल रही है।’
कोचिंग संस्थानों में फायर सेफ्टी उपकरण भी नहीं
एक महीने पहले हुए फायर सेफ्टी ऑडिट में पाया गया था कि कई कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में एमपी नगर एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित स्थानीय प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और फायर सेफ्टी, विद्युत सुरक्षा और भोपाल विकास प्राधिकरण के इंजीनियर एवं अन्य अधिकारी भी शामिल थे।