Thursday, November 28, 2024
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रेप केस के आरोपी भोपाल डिप्टी कलेक्टर गायब!:30 नवंबर तक छुट्‌टी पर, आगे के लिए आवेदन नहीं आया; रोज खुल रहा चैंबर

रेप केस के आरोपी भोपाल के डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते ने 30 नवंबर तक छुट्‌टी का आवेदन दिया है। इसके बाद वे ऑफिस आएंगे या नहीं? इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने आगे छुट्‌टी का आवेदन भी नहीं दिया है। दूसरी ओर, उनका चैंबर रोज खुलता है, पर कुर्सी खाली ही रहती है।

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डिप्टी कलेक्टर सोरते के विरुद्ध राजगढ़ जिले के पचोर थाने में 14 नवंबर को रेप के आरोप में केस दर्ज हो चुका है। एक महिला ने 25 अक्टूबर को सोरते के विरुद्ध शिकायत की थी। पुलिस ने मामला जांच में लिया था। 19 दिन बाद भी केस दर्ज नहीं होने पर 14 नवंबर को पीड़ित ने पोर्टल पर ई-एफआईआर दर्ज कराई थी।

किसी का कॉल भी रिसीव नहीं कर रहे

केस दर्ज होने से पहले से ही सोरते ऑफिस नहीं आ रहे हैं। न ही किसी का मोबाइल रिसीव कर रहे हैं। इसी बीच उनका छुट्‌टी का आवेदन आ चुका है। जॉइंट कलेक्टर इकबाल मोहम्मद ने बताया-

डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते का छुट्‌टी का आवेदन 30 नवंबर तक है। आगे की छुट्‌टी के लिए फिलहाल कोई आवेदन नहीं आया है।

चैंबर खाली, दूसरे को सौंपा काम भोपाल कलेक्ट्रेट में डिप्टी कलेक्टर सोरते का चैंबर रोज खुल रहा है, लेकिन कुर्सी खाली ही है। इधर, उनके प्रभार अन्य अधिकारियों को सौंपे गए हैं। ताकि, काम प्रभावित न हो। जनसुनवाई समेत अन्य कार्य सोरते के जिम्मे ही थे।

एसडीओपी बोले- गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी है

इस मामले में सारंगपुर एसडीओपी अरविंद सिंह ने बताया, डिप्टी कलेक्टर सोरते की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एक टीम रवाना की गई है।

निलंबन के लिए दिग्विजय लिख चुके लेटर

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस मामले में दो पत्र जारी कर गिरफ्तारी और निलंबन की मांग भी कर चुके हैं। उन्होंने एक पत्र अपर मुख्य सचिव मप्र शासन और दूसरा पत्र राजगढ़ एसपी को लिखा है। इसमें उन्होंने डिप्टी कलेक्टर पर सिविल सेवा आचरण अधिनियम का उलंघन करने को लेकर विभागीय जांच कराते हुए निलंबन की मांग की थी।

वहीं, सिंह ने दूसरा पत्र राजगढ़ पुलिस अधीक्षक के नाम लिखा है। इसमें पीड़िता के बयान के अनुसार धाराएं नहीं लगाए जाने की शिकायत करते हुए नियमानुसार धाराएं बढ़ाने की मांग की थी।

ये दो लेटर लिखे थे-

अग्रिम जमानत हो चुकी खारिज बता दें कि सारंगपुर न्यायालय में डिप्टी कलेक्टर सोरते की ओर से अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी। जो न्यायालय ने खारिज कर दी थी। मामले की जानकारी लगने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र जारी किए थे।

केस दर्ज होने से पहले ये बोले थे सोरते यौन शोषण का केस दर्ज होने से पहले सोरते ने मीडिया से बात भी की थी। उन्होंने कहा था कि महिला आपराधिक बैकग्राउंड से है। मैंने परिवार की दयनीय स्थिति के नाम पर उसकी मदद की थी। वह क्या आरोप लगा रही है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। डिप्टी कलेक्टर ने कहा- मैं पचोर में पदस्थ था। महिला भी विभागीय कर्मचारी है। तब उसने परिवार की दयनीय स्थिति के नाम पर कुछ रुपए उधार लिए थे।

मुझे बाद में पता चला कि महिला आपराधिक बैकग्राउंड से है। उसके दो बच्चे हैं, दोनों के जेल में होने की सूचना भी मिली। लेकिन, तब तक मैं उसे 5 लाख से ज्यादा राशि ऑफलाइन और ऑनलाइन उधार दे चुका था। अब राजगढ़ से भोपाल आ गया, तो उससे पैसों की मांग की थी। मुझे जानकारी नहीं है, कि महिला क्या आरोप लगा रही है।

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