सरकारी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से लाखों की ठगी करने वाले शैलेंद्र कुमार यादव को 4 साल के सश्रम कारावास और सात हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश विवेक सक्सेना ने आरोपी रीना परमार, मनोज गुप्ता, महेंद्र राय और मुनेश को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
अपर जिला लोक अभियोजक संतोष शर्मा ने बताया कि क्राइम ब्रांच थाना भोपाल ने फरियादी भोजराज परमार की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
मामले की जांच के दौरान अन्य 20 युवकों ने भी सामने आकर अपनी शिकायत में आरोपी शैलेंद्र यादव और उसके साथियों पर उनसे लाखों रुपयों लेकर सरकारी नौकरी के फर्जी नियुक्ति पत्र देकर फरार होने की बात बताई थी।
आरोपी ने किसी युवक से 30 हजार तो किसी से 40 हजार और किसी से 50 हजार रुपए लेकर उन्हें सरकारी नौकरी के फर्जी नियुक्ति पत्र थमाए और फरार हो गए थे।
क्राइम ब्रांच थाना भोपाल ने धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था।