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महिला एव्ं बाल सुरक्षा में पुलिस विभाग के साथ-साथ समाजिक संस्थाओं का सहयोग व समन्वय अत्यंत आवश्यक है

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*महिला व बाल सुरक्षा हेतु वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन मे आज कमिश्नर कार्यालय में मल्टी एजेंसी कोर्डिनेशन संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न समाजिक संस्थाओ के पदाधिकारीगण एव्ं थानों से बाल सुरक्षा व ऊर्जा डेस्क प्रभारी मौजूद रहें।संगोष्ठी में जिला विकास प्राधिकरण(DALSA) से ADJ श्री बुंदेला ने सम्बोधित कर बताया कि किस प्रकार अपराध पीड़ितो को त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए व्यवस्था लागू है। इसके लिये पुलिस से समन्वय अति आवश्यक है। मुकदमे के पुर्व समाधान व समझाईस का प्रावधान है, जिससे घरेलू हिंसा व घरेलु विवादों के प्रकरणों मे पति पत्नी या परिवारिक लोगों को उचित कानूनी मुकदमे से बचकर आपसी सुलह या समझौता करने का प्रयास किया जाता है, जिसको पुलिस विभाग के माध्यम से जिला न्यायालय मे स्थित DLSA मे भेजा जाता है । इसके सम्बंध मे उनको जानकारी दी जाती हैं। बहुत सारे ऐसे प्रकरण आते हैं, जिनके समक्ष पुलिस के पास उचित काऊंसलर न होने के कारण न्याय सुलभ नहीं हो पाता है।महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती नकीजहां ने घरेलु हिंसा एक्ट के बारे मे बताया कि किस प्रकार से महिला सुरक्षा अधिकारी जो महिला विधि विभाग की टीम के साथ समन्वय स्थापित कर ऊर्जा डेस्क प्रभारी थाने मे आने वाली महिला पीड़ितो को घरेलू हिंसा मे न्याय प्रदान करने हेतु विशेष मदद करता है तथा सुलह समझौता मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इस प्रकार इन दोनो एजेन्सियों से मल्टी एजेंसी मे माध्यम से पुलिस बेहतर कार्य करने मे सक्षम हो सके। संगोष्ठी के अंत मे पुलिस उपायुक्त मुख्यालय श्री विनीत कपूर ने उपस्थित अतिथियों व अधिकारियो का आभार व्यक्त किया एव्ं बाल सुरक्षा अधिकारी व ऊर्जा डेस्क प्रभारीयो को मार्गदर्शन दिया।

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