भाजपा संगठन चुनाव; दिल्ली में होगी 2 दिनी बैठक
संगठन पर्व को लेकर दिल्ली में रविवार से दो दिन तक भाजपा की बड़ी बैठकें होने जा रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर हो रही इन बैठकों में राज्यवार संगठन चुनावों की प्रगति और स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से नीतिगत निर्णय लिए जाने हैं।
इसी बैठक में मप्र में जिलाध्यक्षों को रिपीट करने या नहीं करने की गाइडलाइन तय हो सकती है। प्रदेश भाजपा सूत्रों के मुताबिक संगठन में बड़े तबके की मांग है कि 5 साल तक जिलाध्यक्ष रह चुके व्यक्ति को दोबारा रिपीट नहीं किया जाए।
वहीं कुछ जिलाध्यक्षों का तर्क है कि उनके नेतृत्व में पार्टी को विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बड़ी सफलता मिली है, उनका कार्यकाल निर्विवाद और उपलब्धियों भरा रहा है तो उन्हें दोबारा मौका क्यों नहीं मिलना चाहिए? मप्र के नेताओं का कहना है इस मसले पर फिलहाल कोई स्पष्ट नीति नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर की बैठक में चर्चा के बाद स्पष्टता आ जाएगी।
दिल्ली बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, प्रदेश चुनाव प्रभारी समेत प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय पर्यवेक्षक भी शामिल होंगे।
1 से 3 जनवरी तक तैयार किया जाएगा पैनल
बताया जाता है 1 जनवरी से 3 जनवरी के बीच 3 नामों का अंतिम पैनल तैयार किया जाएगा। इसके बाद अंतिम नामों की सूची फाइनल कर केंद्रीय संगठन को भेज दी जाएगी। केंद्रीय संगठन 5 जनवरी के बाद इसे कभी भी जारी कर देगा।
शनिवार तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में जिलाध्यक्ष के लिए रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शनिवार कई जिलों में रायशुमारी की गई, इसलिए दिनभर प्रदेश कार्यालय से लेकर भाजपा के जिला कार्यालयों में गहमागहमी बनी रही। जिन जिलों में बची हुई है, वह अगले दो दिन में पूरी हो जाएगी।
रायशुमारी करने वाले सभी जिला प्रभारियों को 1 से 3 जनवरी के बीच तीन-तीन नामों का पैनल प्रदेश स्तर पर सौंपना है। जिला प्रभारियों को कहा गया है कि तीन नामों के पैनल में जहां संभव हो वहां एक सक्षम महिला कार्यकर्ता का नाम जरूर शामिल करना है।
प्रदेश स्तर से इन नामों की स्क्रूटनी करने के बाद फाइनल नामों दिल्ली भेजे जाएंगे। क्योंकि इस बार जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा विधायक और सांसदों की टिकट की तरह राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली से की जानी है।
60 साल से ज्यादा आयु का नहीं होगा जिलाध्यक्ष
अब तक जो तय हुआ उसके हिसाब से कोई भी जिलाध्यक्ष 60 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होगा। लगभग 25 फीसदी जिलाध्यक्ष के पद महिलाओं को दिए जा सकते हैं। यानी कुल 60 जिलाध्यक्षों में से 15 जिलाध्यक्ष महिलाएं हो सकती हैं