रिटायर्ड बुजुर्ग को लिंक भेजकर उनके खाते से 2 लाख 33 हजार रुपए से ज्यादा रुपए उड़ा लिए। बदमाश ने कॉल कर खुद को ट्रेजरी ऑफिसर बताया और झांसे में लेकर उन्हें लिंक भेजकर उस पर डिटेल अपलोड करा ली। इसके कुछ दिन बाद उसने वारदात को अंजाम दे दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामला आजाद नगर थाना क्षेत्र के पवनपुरी कॉलोनी का है। यहां रहने वाले 65 वर्षीय ध्यानूराव बच्चन की शिकायत पर मामला कायम किया गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका HDFC बैंक में खाता है। 13 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर कॉल आया। उन्हें कहा कि वह भोपाल ट्रेजरी ऑफिस से डी.के.तिवारी ट्रेजरी ऑफिसर बोल रहा है।
मेरे पास आपका पेंशन का प्रकरण आया है और एक लिंक वाट्सएप पर भेजी है जिसका नाम पेंशन सेवा है। उनको डाउनलोड करने को कहा। उसने कहा कि आपका जो भी पैसा है एरियर वगैरह है वह मैं निकाल दूंगा।
वाट्सएप की डीपी पर लगा मध्यप्रदेश शासन का लोगो
फरियादी ने पुलिस को बताया कि जब उसने फर्जी अधिकारी के वाट्सएप की डीपी चेक की तो उस पर मध्यप्रदेश शासन का लाल कलर का लोगो लगा हुआ था और सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस न्यू दिल्ली की लिंक भेजी जिसको फरियादी क्लिक किया और जानकारी अपलोड कर दी। ये होने के कुछ दिन बाद यानी 16 अक्टूबर की रात करीब साढ़े 7 बजे बुजुर्ग फरियादी के मोबाइल पर एक के बाद एक बैंक के दो मैसेज आए।
पहला मैसेज आया जिसमें 1 लाख 97 हजार 823 रुपए किसी रुपा कुमारी के खाते में ट्रांसफर होना पता चला। इसके कुछ देर बाद एक ओर मैसेज आया, जिसमें फरियादी के बैंक खाते से 36 हजार से ज्यादा की राशि फिर से रुपा कुमारी के खाते में ट्रांसफर हो गए थे। अचानक इतनी राशि किसी दूसरे के खाते में ट्रांसफर हो गए। उन्होंने मामले की शिकायत की। इधर, मामले में जांच के बाद आजाद नगर पुलिस ने शुक्रवार को मामले में कायमी की।
अनजानी लिंक पर न करें क्लिक डिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि मामले में धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में आजाद नगर थाने में कायमी की जा चुकी है। यह एक साइबर फ्रॉड है। दंडोतिया ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अननोन नंबर से कॉल आता है और बिना वैरिफिकेशन के किसी भी अननोन लिंक को डाउनलोड ना करें। क्योंकि आप ऐसी लिंक डाउनलोड करते है तो स्क्रीन शेयर आपके मोबाइल में डाउनलोड हो जाता है और आपके मोबाइल का रिमोट एक्सेस बदमाश के पास चला जाता है।




