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CM मोहन यादव बोले- एमपी-राजस्थान भाई-भाई जैसे

मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच करीब 20 साल से अटके रिवर लिंक प्रोजेक्ट को अब रफ्तार मिल गई है। प्रोजेक्ट को लेकर दोनों राज्यों की सरकारों ने संयुक्त प्रयास से शुरू कर दिए है।

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रविवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ‘पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना के कार्यान्वयन के लिए संयुक्त पहल’ में शामिल हुए।

इस दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- छोटे-छोटे इश्यू को लेकर दोनों राज्य लगभग 20 साल से बिना बात के उलझे रहे। हम मानते हैं कि राज्यों के अपने कुछ हित होते हैं, लेकिन हमको एक और निगाह रखनी पड़ेगी, वह है देश हित। देश हित से बड़ा कोई हित नहीं हो सकता है।

राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा ने कहा कि एमपी-राजस्थान दोनों ऐसे प्रदेश हैं जिनके पास जमीन है, लेकिन सिंचाई के साधन कम है। ये योजना ऐसी हैं कि दोनों राज्य मिलकर इसे आगे बढ़ाएंगे। यह योजना इतनी बड़ी है कि राजस्थान के लगभग 13 जिले इसमें आ रहे हैं और करीब मध्यप्रदेश के भी इतने ही जिले इसमें आते हैं। जहां सिंचाई की सुविधा मिलेगी।

रविवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने 'पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना के कार्यान्वयन के लिए संयुक्त पहल' कार्यक्रम में शामिल हुए।

रविवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने ‘पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना के कार्यान्वयन के लिए संयुक्त पहल’ कार्यक्रम में शामिल हुए।

CM मोहन यादव बोले- एमपी-राजस्थान तो भाई-भाई जैसे

सीएम यादव ने कहा- प्रधानमंत्री जी की यह सोच रही है कि राज्य अपने मसलों को सुलझाएं। बड़ा मसला जल के बंटवारे का है। मैं हमारी सरकार बनने के बाद 28 जनवरी को भजन लाल जी से मिला। हमने एक विषय निकला कि तीनों नदियां चंबल, काली सिंध और पार्वती के पानी का दोनों राज्यों बेहतर उपयोग कर सके।

हम यह बात मानकर चले कि छोटे-मोटे इश्यू हैं तो उनका समाधान कर लेंगे। मध्यप्रदेश-राजस्थान तो भाई-भाई जैसे हैं। दोनों का कलर मिलता-जुलता है।

दोनों राज्य मिलकर श्रीकृष्ण पाथ-वे विकसित करेंगे

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण शिक्षा लेने जिस रास्ते से एमपी आए थे। उस रास्ते को दोनों राज्य मिलकर श्रीकृष्ण पाथ-वे के तौर पर विकसित करेंगे। राजस्थान के सीएम ने कहा- भगवान श्रीकृष्ण राजस्थान से होते हुए मध्यप्रदेश के उज्जैन में गुरु आश्रम में पढ़ने आए थे। जैसे भगवान राम श्रीलंका गए थे तो उनका पाथ-वे बना। इसी तरह भगवान श्रीकृष्ण के भी राजस्थान होत हुए उज्जैन जाने का पाथ-वे बनाना चाहिए। पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान में अपार संभावनाएं हैं।

कार्यक्रम के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भजन लाल शर्मा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।

कार्यक्रम के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भजन लाल शर्मा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।

आप हमारे चीता की चिंता करो, हम आपके टाइगर की सुरक्षा करेंगे

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- रणथंभौर का टाइगर अगर घूमते हुए हमारे यहां आ जाता है तो हम ढूंढते हैं कि ये कहां से आ गया। ऐसे ही चीते की बात करें तो हमारा चीता आपके यहां पहुंच जाता है। हमारे चीते की चिंता आप करो, आपके टाइगर की सुरक्षा हम करेंगे।

राजस्थान के सीएम ने कहा- हमारे पड़ोस में चीता है। हमारे रणथंभोर के टाइगर आपके यहां आ जाते हैं। इस तरह की योजना बने कि जहां टाइगर है वहां टाइगर रहे, और जहां चीता है वहां चीता रहे।

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