AIIMS भोपाल में पहली बार लिवर कैंसर की जटिल सर्जरी
राजधानी के एम्स में पहली बार लिवर कैंसर से पीड़ित एक 19 साल की युवती की सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया गया है। युवती ने बताया कि वह दो साल से गंभीर पेट दर्द और लिवर में दर्द की समस्या से परेशान थी। इस पर दो माह पहले एम्स भोपाल में रूटीन चैकअप के लिए पहुंची। यहां बायोप्सी सहित अन्य जांचों में सामने आया कि लिवर कैंसर है।
यह डायफ्रॉम(लिवर और चेस्ट के बीच का हिस्सा) तक पहुंच गया था। इसके लिए सर्जरी कराना ही पड़ेगा। एम्स भोपाल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार और वैस्कुलर सर्जन डॉ. योगेश निवारिया ने युवती को हेपेक्टोमी सर्जरी के बारे में बताया और काउंसिलिंग की। इस पर 22 अक्टूबर को ऑपरेशन प्लान किया गया।
मरीजों के लिए जागी उम्मीद
इस सफलता ने न केवल मरीजों के जीवन में उम्मीद जगाई है। एम्स में सर्जिकल, मेडिकल और रेडिएशन थेरेपी के उन्नत विकल्प हैं। ऑन्कोलॉजी विभाग हेपटोलॉजी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी और पुनर्वास विशेषज्ञ मरीजों के लिए उपचार योजनाएं बनाते हैं। डॉ. अजय सिंह, डायरेक्टर, एम्स भोपाल
राइट हेपेटेक्टोमी एक अत्यधिक तकनीकी और सटीक प्रक्रिया है। जिसमें सटीकता और अनुभव के साथ-साथ उन्नत सर्जिकल तकनीक का सहारा लेते हैं। यह लिवर कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है। –डॉ. विनय कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग