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मप्र सरकार की कैबिनेट बैठक में विकसित भारत-2047 पर चर्चा

मप्र सरकार की मंगलवार को कैबिनेट बैठक हुई। कैबिनेट बैठक में सीएम डॉ. यादव ने मंत्रियों से कहा कि वे जिलों के अधिक से अधिक दौरे करें और गुड गवर्नेंस के लिए काम करें। आम आदमी तक सरकार की पहुंच हो, इसके लिए सभी फोकस करें। पीएम मोदी के सुशासन के लक्ष्य के लिए सभी को मिलकर जुटना है और काम करना है।

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कैबिनेट मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि कैबिनेट में विकसित भारत 2047 को लेकर चर्चा हुई है। एमपी सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के सपने पर काम सरकार कर रही है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जो विजन डॉक्यूमेंट बनाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि नवाचार और आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल में एमपी आगे बढ़े, इसके लिए सबको मिलकर काम करना है। विजन डॉक्यूमेंट की समीक्षा मंत्री करें। जब कैबिनेट में आए तो समग्र बातें शामिल हों। सीएम यादव ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट में पीएम मोदी के सपनों का मध्यप्रदेश दिखाई देना चाहिए।

कैबिनेट में सोलर एनर्जी को लेकर हुए कई फैसले

  • मुरैना में सोलर पावर स्टोरेज कैपेसिटी डेवलप की जाएगी।
  • नर्मदापुरम जिले के बाबई मे सोलर एनर्जी के लिए 214 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है।
  • अब और 311.44 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है।
  • इसके अलावा भोपाल जिले के भौंरी में भी सोलर एनर्जी के लिए 21.494 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है।
  • रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के पहले यह तैयारी की गई है। इसका भूमि पूजन सात दिसंबर को हो सकता है।

पीएम आवास को मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने देश में तीन करोड़ नए आवास बनाने का फैसला किया है। इसमें एमपी को भी टारगेट मिला है। मंत्री उदय प्रताप ने बताया कि आज की कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा हुई है। एमपी में आने वाले समय में पीएम आवास योजना के अंतर्गत शहरी व ग्रामीण इलाकों में समान काम किया जाएगा। इसमें स्वयं की भूमि पर मकान बनाने वालों को शहरी इलाकों में करीब ढाई लाख रुपए और ग्रामीण इलाकों में डेढ़ लाख रुपए सरकार की ओर से दिए जाएंगे।

गांवों में 3.50 लाख आवास बनेंगे

पीएम आवास योजना 2.0 में एमपी के लिए ग्रामीण इलाकों में शुरुआती दौर में 3.50 लाख आवास बनाने का टारगेट दिया गया है। इसे कैबिनेट में मंजूरी मिली है। हालांकि पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों का कहना है कि एमपी के गांवों में 15 लाख ग्रामीणों को आवास चाहिए। पहले चरण में जो मंजूरी मिली है, उसके बाद अब आगामी स्टेज के लिए और टारगेट भेजे जाएंगे।

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