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10 लाख लोगों ने एक साथ की दुआ…

भोपाल / ऐ अल्लाह हमारे हाल पर रहम फरमा, ऐ अल्लाह उम्मत के हाल पर रहम फरमा, ऐ अल्लाह हमारे गुनाहों को माफ फरमा, ऐ अल्लाह उम्मत के तमाम तबकात को दावत के काम पर मुजतमा फरमा, ऐ अल्लाह उम्मत को दावत की निस्बत पर जमा फरमा, ऐ अल्लाह ज़ालिमों को ज़ुल्म से तौबा अता फरमा, ऐ अल्लाह हिदायत की हवाओं को चला दे, ऐ अल्लाह जमातों की नक्लो-हरकत को कुबूल फरमा, ऐ अल्लाह हमारी दुआ को कुबूल फरमा, इन लफ़्ज़ों के साथ जब हज़रत मौलाना साद साहब की दिलकश और दर्द भरी आवाज़ जब लाखो के मजमे में गूंजी तो लाखों लोगों की आमीन से ईंटखेड़ी का इलाका गूंज उठा। लगभग सुबह 9-30 बजे शुरू हुई दुआ 10 बजे खत्म हुई और इस तरह इज्तिमे के आखिरी दिन हुई सामूहिक दुआ के साथ विश्व प्रख्यात भोपाल का 73वां 4 दिनी आलमी तब्लीगी-इज्तिमा का समापन हो गया।

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कोरोना काल की वजह से 2 साल तक नही हुए इस इज्तिमे मे इस साल पहले के मुकाबले ज़्यादा लोग देश के अलग-अलग राज्यो से आए। पहली बार इज्तिमे मे बाहर मुल्क की जमाते नही आई। देश के अलग-अलग हिस्सों से तकरीबन 5 हज़ार जमातो भोपाल के इज्तिमे में शिरकत की और दुआ में लगभग 10 लाख से ज़्यादा लोग शामिल हुए। लगातार 4 दिन चले आलमी इज्तिमे में देश के अलग-अलग सूबों से आए इस्लामिक विद्वानों ने लाखों लोगों के सामने दीन और दावत से लबरेज़ तकरीरें की। और इंसानों की पैदाइश का असल मकसद क्या है ये लोगो को समझाया।

ट्रैफिक-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में 5 हज़ार वालेंटियर पुलिस-प्रशासन के साथ इस्तिमा-स्थल तक के मार्गो पर मौजूद थे। वहीं खाने की होटलों पर 50 रुपए में भरपेट खाना मिल रहा था। तथा पानी की बॉटल 6 रुपए में मिल रही थी। माँस प्रतिबंधित था एवं गुटका, पान, तम्बाखू पर भी बैन लगा हुआ था। स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए जगह-जगह डस्टबिन रखे गए थे बिजली-विभाग के कर्मचारी, नगर-निगम के पानी के टैंकर, डॉक्टर्स की टीम, रेल्वे-स्टेशन की टिकट-बुकिंग और बसों के संचालकों की टीमो की विशेष तैनाती की गई थी।

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