मम्मी-पापा झगड़े तो मुंबई से भाग ग्वालियर आए 4 भाई-बहन
मम्मी-पापा आपस में झगड़े तो तीन नाबालिग बहनें और एक भाई मुंबई से भागकर ग्वालियर आ गए। अब उनका पता नहीं चल रहा है कि वे कहां हैं। रविवार को मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम उन्हें ढूंढते हुए ग्वालियर पहुंची।
मुंबई के अंधेरी ईस्ट से भागकर चारों भाई-बहन 27 मई को जब ग्वालियर आए तो उन्होंने मोबाइल पर फोन-पे एप से एक ऑटो ड्राइवर को पेमेंट किया था। इसी क्लू पर मुंबई पुलिस ने ऑटो ड्राइवर से पूछताछ की। उसने बताया कि 27 मई को बच्चों को माधव बाल निकेतन में अंदर तक छोड़ा था।
माधव बाल निकेतन शहर के जनकगंज इलाके में है। क्राइम ब्रांच यहां पहुंची तो पता चला कि बच्चे आए ही नहीं। माधव बाल निकेतन और वृद्धाश्रम के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव का कहना है कि हम सीधे बच्चों को प्रवेश देते ही नहीं हैं।
मां-पिता के झगड़े के बाद घर से भागे
बहनों की उम्र 17, 15 और 10 साल है। भाई 7 साल का है। 26 मई को मां-पिता के झगड़े के बाद चारों घर से भाग गए। उन्होंने पंजाब मेल ट्रेन पकड़ी। ट्रेन में ही उनकी मुलाकात मुरैना के युवक से हुई। बताया जा रहा है कि युवक ने दिलीप धाकड़ की ऑटो बुक की।
शहर के आनंद नगर में रहने वाले ऑटो ड्राइवर दिलीप का कहना है कि बच्चों को लेकर बाल निकेतन पहुंचा। अपना किराया लिया, बच्चों को अंदर तक छोड़ा, बाहर 5 मिनट खड़ा रहा, फिर चला गया।
माधव बाल निकेतन ग्वालियर शहर के जनकगंज इलाके में है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने यहां जांच की, इसके बाद टीम मुरैना रवाना हो गई।
युवक की तलाश में टीम मुरैना रवाना
बच्चे कहां गए, इसकी मुंबई क्राइम ब्रांच पड़ताल कर रही है। ग्वालियर के जनकगंज थाने की पुलिस भी पता लगा रही है। मुंबई क्राइम ब्रांच की एक टीम ट्रेन में बच्चों से मिले युवक की तलाश में मुरैना रवाना हुई है। ऐसा पता लगा है कि उसने ऑटो के अंदर बैठाकर बच्चों के फोटो भी लिए थे। उसकी पुलिस से बात हो गई है और टीम उसके पास पहुंच रही है। युवक का भी कहना है कि उसने बच्चों को बाल निकेतन के अंदर तक छोड़ा था।
सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले
माधव बाल निकेतन में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज पुलिस को नहीं मिल सके हैं। टीम ने जांच में पाया कि यहां सिर्फ तीन दिन का डेटा स्टोर होता है। घटना 27 मई की है और आज 6वां दिन है। कुछ सीसीटीवी कैमरे खराब भी बताए गए हैं। बाल निकेतन के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव का कहना है कि हम पूरा सहयोग कर रहे हैं। हमारे यहां बाल कल्याण समिति में पेश हुए बिना कोई बालक या बालिका सीधे आ ही नहीं सकता।
इसी ऑटो से बच्चों को बाल निकेतन लाया गया था। ड्राइवर दिलीप धाकड़ को बच्चों ने ऑनलाइन पेमेंट किया था। इसी क्लू पर मुंबई पुलिस ग्वालियर आई है।
इन पॉइंट्स पर जांच
- एक महिला कर्मचारी से पता लगा है कि बच्चे उस दिन थे। किसी बात पर मिठाई बांटी जा रही थी, तभी बच्चे गायब हो गए।
- माधव बाल निकेतन ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी।
- मुरैना के युवक और ऑटो ड्राइवर ने स्टेशन पर ही जीआरपी या आरपीएफ थाने में सूचना क्यों नहीं दी।
पुलिस का कहना
ग्वालियर के जनकगंज थाने के प्रभारी वितेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि मुंबई पुलिस ही इस मामले में पूरी जांच कर रही है।