धनी ऐप से लोन दिलाने के नाम पर ठगी: युवक ने की खुदकुशी
भोपाल के बैरसिया में रहने वाले देव नारायण विश्वकर्मा (27) से लोन के नाम पर 1 लाख 97 हजार 491 रुपए की ठगी की गई थी। उन्हें धनी ऐप से लोन के नाम पर प्रोसेसिंग, फीस और रिफंड के लिए एजेंटों ने अलग-अलग खातों में अमाउंट ट्रांसफर कराने के लिए प्रताड़ित किया।
इसी प्रताड़ना से परेशान होकर देव नारायण ने बीते साल 31 जुलाई को सुसाइड किया था। यह खुलासा बैरसिया पुलिस ने युवक के सुसाइड मामले की जांच में किया है। साथ ही मामले के दो आरोपियों को बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के अलावा आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है।
पुलिस ने बताया कि धनी ऐप से लोन दिए जाने के लिए देव नारायण विश्वकर्मा को एजेंट्स के लगातार कॉल आ रहे थे। युवक के मोबाइल पर आ रहे फोन के नंबर की रजिस्टर्ड सिम पश्चिम बंगाल से फर्जी तरीके से जारी हुई थी।
आरोपी पश्चिम बंगाल से मोबाइल सिम लेने के बाद बिहार के नालंदा जिले के सरबहदी गांव से देव नारायण को कॉल कर रहे थे।
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बिहार में नालंदा जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के सरबहदी में छापामार कार्रवाई कर शत्रुघ्न रविदास और हरदेव पासवान को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों को रिमांड पर लिया …
बैरसिया पुलिस ने बताया कि देव नारायण विश्वकर्मा सुसाइड केस में गिरफ्तार आरोपी शत्रुघ्न रविदास और हरदेव पासवान को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। दोनों आरोपियों से गिरोह के दूसरे सदस्यों और ठगी के तरीके के बारे में पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों ने देव नारायण से लोन दिलाने के नाम पर 1 लाख 97 हजार 491 रुपए की ठगी करना कबूला है। साथ ही बताया है कि देवनारायण पर और राशि ट्रांसफर करने का प्रेशर बना रहे थे। लोन दिलाने के नाम पर हुई ठगी के चलते मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर देवनारायण ने 31 जुलाई 2023 को घर पर सुसाइड कर लिया था।
साइबर जालसाजों के जाल में फंसने के बाद लाखों रुपए गंवाने वाला देव नारायण विश्वकर्मा। तस्वीर खुदकुशी के कुछ दिन पहले की बताई जा रही है।
वॉट्सऐप पर भेजा लोन का स्टीमेट
आरोपी धनी फाइनेंस कंपनी से लोन दिलाने के नाम पर लोगों से उनके आधार कार्ड, पेन कार्ड , बैंक अकाउंट नंबर सहित दूसरी जानकारी वॉट्सऐप के मार्फत लेते थे। दस्तावेजों के आधार पर लोन स्टीमेट बनाकर संबंधित को वॉट्सऐप पर भेज देते थे।
इसके साथ ही लोन को प्रोसेस कराने के नाम पर फोन-पे, गूगल-पे, पेटीएम और दूसरे बैंक अकाउंट में लोन अप्लाई करने वाले व्यक्ति से रकम ट्रांसफर कराते थे। इस दौरान आरोपी लोन एप्लाई करने वाले पीड़ित व्यक्ति को प्रोसेसिंग फीस सहित दूसरी अन्य सर्विसेज के नाम पर ली गई फीस को लोन अमाउंट में जोड़कर रिफंड कराने और लोन दिलाने के नाम पर ठगते थे।
6 मोबाइल और 12 से ज्यादा सिम कार्ड मिले
बैरसिया पुलिस ने बताया कि बिहार के नालंदा से गिरफ्तार साइबर ठगी के दो आरोपियों से 6 से ज्यादा मोबाइल फोन और अलग-अलग कंपनी की 12 से ज्यादा रजिस्टर्ड सिम कार्ड जब्त की हैं। देवनारायण विश्चकर्मा सुसाइड मामले में दो आरोपी दबिश से पहले फरार हो गए। दोनों आरोपियों के बैंक अकाउंट में क्रमश: 40 लाख और 18 लाख रुपए का संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिला है।