भोपाल की साइबर क्राइम विंग ने पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी शेयर ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले अन्य गिरोहों के संपर्क में थे। साइबर ठगों को खाते बेचने के बदले प्रति खाता 10 हजार रुपए की हिसाब से पेमेंट मिलता था। इसके अलावा, उनके बेचे गए खातों में ठगी की रकम का लेन-देन होते ही उन्हें 50 हजार रुपए तक का कमीशन भी दिया जाता था।
एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी पांच आरोपी पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। ये सभी साइबर ठगी करने वाले गिरोहों को बैंक खाते बेचने का काम करते थे और आपस में वॉट्सऐप के माध्यम से जुड़े रहते थे। उन्हें प्रति खाता 10 हजार रुपए की राशि दी जाती थी, साथ ही उनके बेचे गए खातों में जितनी बार ठगी की रकम का लेन-देन होता था, प्रत्येक बार उन्हें 50 हजार रुपए का कमीशन भी मिलता था।

ऐसे करते थे ठगी
साइबर आरोपी लोगों को फर्जी शेयर ट्रेडिंग ACVVL ONLINE नामक एप्लिकेशन की लिंक भेजकर जिसे डाउनलोड करने के बाद यूजर आई.डी. पासवर्ड बनवाकर कम समय में अधिक मुनाफा देने के नाम पर शेयर ट्रेडिंग करने का बोलकर फर्जी खातो में पैसा जमा करवा लेते थे। उसके बाद फर्जी शेयर ट्रेडिंग एप मे अधिक मुनाफा दिखा देते थे। जब पीड़ित पैसे निकालने के लिए बोलते थे तो आरोपियों के द्वारा टैक्स के नाम पर और पैसों की मांग करते थे। एप पर अधिक पैसा जमा होने पर विथड्रॉवल को बंद कर देते थे।
6 मोबाइल फोन और 19 सिम कार्ड मिले
आरोपियों के कब्जे से 6 मोबाइल फोन, 19 सिम कार्ड, 12 ATM कार्ड, 2 चेकबुक, 1 बैंक पासबुक व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पूरे मामले का खुलासा एक ठगी की शिकायत की जांच के दौरान हुआ है। आरोपियों ने भोपाल के एक व्यक्ति से शेयर ट्रेडिंग कराकर 1.22 करोड़ की ठगी की थी। इसकी शिकायत जांच के दौरान पुलिस खाता बेचने वाले आरोपियों तक पहुंची। हालांकि असल में ठगी करने वाले आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं।

आरोपियों की प्रोफाइल
- मुस्तफा मुशर्रफ हुसैन पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और डी.फार्मा किया हुआ है। उसने स्वयं के नाम पर खाते खुलवाकर साइबर ठगों को बेचा है।
- निहार आलम पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और 12वीं कक्षा तक पढ़ा है। आरोपी जरूरतमंदों की तलाश कर उनके नाम पर खाते खुलवाता था। इन खातों को साइबर ठगों को बेचता था। ठगी की रकम उसके बेचे खातों में आने पर अन्य खातों में रकम को ट्रांसफर कर दिया करता था।
- आसीफुल हक निवासी पश्चिम बंगाल बीएड कर चुका है। ठगी करने वाले गिरोह को बैंक खाते उपलब्ध कराता और उनमें आई रकम दूसरे खातों में ट्रांसफर करता था। इसके एवज में उसे कमिशन मिलता था।
- तामस गणेश शेडमाके महाराष्ट्र 12वीं कक्षा तक पढ़ा है और ठगी करने वाले गिरोह को बैंक खातों को बेचा करता था।
- पिन्टू सुरेश सिंह बैस हुड केश्वर नागपुर महाराष्ट्र का रहने वाला है और 10वीं कक्षा फेल है। ठगी करने वाले गिरोह को बैंक खातो उपलब्ध कराने का काम करता था।