शहीद की बहन-बेटी की शादी में सरकार देगी 51 हजार
भोपाल के बैरागढ़ स्थित थ्री ईएमई सेंटर में रविवार को पूर्व सैनिकों की रैली आयोजित हुई। इसमें सीएम डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि अब शहीदों के बहन-बेटियों की शादी में सरकार 15 हजार रुपए की बजाय 51 हजार रुपए की सहायता देगी। साथ ही मां को हर माह मिलने वाली सहायता 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए की जा रही है। सीएम की घोषणा का पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों ने तालियों से स्वागत किया।
6 सालों के बाद भोपाल में आयोजित इस कार्यक्रम में 102 इंजीनियर रेजिमेंट के सैनिकों ने अपने जौहर का प्रदर्शन भी किया। सीएम ने सैनिकों के करतब देखकर उनकी तारीफ की। कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएम डॉ. मोहन यादव ने की। इस दौरान एससीएस होम एसएन मिश्रा और सेना के अधिकारी मौजूद थे।
शहीद की पत्नी के साथ माता-पिता को भी मिलेगी आधी सम्मान निधि इस कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने भूतपूर्व सैनिकों, शहीदों की विधवाओं, परिजन के लिए कई बडे़ ऐलान किए। सीएम ने कहा- शहीद के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि एकमुश्त दी जाती थी। लेकिन उसमें कठिनाई ध्यान में आई थी कि परिवार में वारिस के नाते से कानूनन ये माना जाता था कि पत्नी के अलावा और किसी को राशि नहीं दे सकते। हमने संशोधन कर दिया कि आधी राशि पत्नी को देंगे और आधी माता पिता को देंगे। कई बार घर में जवान बेटी होती है, उसका दोबारा विवाह करना हो, कई और भी कारण होते हैं। इसलिए हमने इसमें संशोधन किया है।
मध्यप्रदेश के त्रिपाठी नौसेना का नेतृत्व कर रहे हैं’ सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- हमारे मप्र से निकलकर देश की नौसेना का नेतृत्व दिनेश कुमार त्रिपाठी कर रहे हैं। इससे ज्यादा गर्व की क्या बात हो सकती है। आकाशवाणी का एक पंचरंगी प्रोग्राम आता था। उसमें रसरंग के साथ गानों का प्रसारण होता था। वीरता के कितने रस हो सकते हैं, उनका आज आनंद मैं ले रहा था। वर्तमान की जीत का आधार भूतपूर्व सैनिक होता है। वो वर्तमान की सेना का हौसला बुलंद करता है।
सीएम ने कहा- हम जिस संस्कृति को मानते हैं। उसमें आने और जाने का क्रम भी नियत है, लेकिन आने और जाने के क्रम में जो मौका हमें परमात्मा देता है। उसमें हम अपने जीवन को धन्य बनाएं। ये सामान्य व्यक्ति के लिए होता है। आप तो दो कदम आगे वाले लोग हैं। जो 142 करोड़ लोगों का जीवन धन्य बनाते हैं। इसी जज्बे के बल ही 200 से ज्यादा देश भारत का सबसे ज्यादा सम्मान करते हैं, क्योंकि भारत की सेना सबसे ज्यादा शौर्यवान है। जब भी मौका आया हमारे सैनिकों ने अपनी 20वीं नहीं 21वीं भूमिका अदा की है।
कोई भी वर्ल्ड वॉर हो, आजादी के पहले या बाद का हो। हमारी सेनाओं ने भारत की और लोकतंत्र रक्षा की। आजादी के बाद हमारे साथ भी कई देश आजाद हुए थे। उनकी हालत क्या हुई। उनका लोकतंत्र बिगड़ा, बाकी सिस्टम बिगड़ा। लेकिन भारत अगर वर्तमान में इतना मजबूत है तो उसकी सबसे बड़ी वजह हमारे सैनिकों का अनुशासनबद्ध रहते हुए जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। दुश्मन आंख दिखाए तो घर में घुसकर मारना ये नरेंद्र मोदी का समय है।
‘दो दोस्तों की जोड़ी देश की सेनाओं का नेतृत्व कर रही’
सीएम ने कहा- भूतपूर्व सैनिक जो इस रैली में पधारे हैं। उनको दीवाली की बधाई देता हूं। तीन भाइयों की जोड़ी तो दुनिया में प्रसिद्ध है। भगवान राम-लक्ष्मण, कृष्ण और बलराम के बाद तीसरी जोड़ी थी विक्रमादित्य और भर्तहरि…. लेकिन, सेना में दोस्तों की जोड़ी बनती है, ये हम देख रहे हैं। एक क्लास के दो मित्र साथ पढ़ते हुए अपने-अपने क्षेत्र में सेनाओं का नेतृत्व करें, ये केवल भारत में हो सकता है। मैं दिनेश त्रिपाठी और उपेन्द्र जी को बधाई देता हूं। हमारे यहां एक को क्लास में आगे बढ़ता देख दूसरे को टेंशन होता है कि ये बढ़ेगा तो मेरा नंबर कब आएगा।
‘एक जमाना था, जब पुराना पोत टिप टॉप कर सेना में रख लिया जाता था’
सीएम ने कहा- देश में वर्तमान में नेतृत्व और क्षमताओं को लेकर परिपक्वता के आधार पर हमारे यहां कई सीनियर नेता थे। लेकिन उसके बावजूद नरेन्द्र मोदी ने जिस ढंग से अपने इस दौर को संभाला। किस प्रकार से सेना का मनोबल बढ़ाने और देश का मनोबल ऊंचा रखने के लिए वो काम कर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी अमेरिका से बात करते हैं और रूस को भी उसी श्रेणी में रखकर हिम्मत के साथ बात करते हैं। ये है लोकतंत्र की ताकत और मोदी जी का समय। रूस-यूक्रेन युद्ध हो या कोई आगे युद्ध हो, हम सब देश की सेना के लिए कौन से संसाधन हो सकते हैं। कौन से विमान हो सकते हैं। हमारे यहां गया जमाना जब कोई पोत रिटायर करता था तो उसे टिप टॉप कर अपनी सेना में लगा लेते थे, लेकिन अब जमाना ऐसा हो गया है कि नवीनतम टेक्नोलॉजी से युक्त कोई हथियार या पोत आता है तो उसे सेना को समर्पित करते हैं। तेजस विमान हो या विदेश से सुखोई आयात करना हो, हम को कोई आपत्ति नहीं।
एडमिरल त्रिपाठी बोले- हमारी सेनाओं की नींव मजबूत है कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा- आज आपके सबके बीच मुझे हर्ष और गौरव की अनुभूति हो रही है। जिन भूतपूर्व सैनिकों ने देश की रक्षा की। रिटायरमेंट के बाद भी राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। तीनों सेनाओं की तरफ से भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। हमारी सेनाएं सशक्त और समर्थ हैं। हमारी सेनाओं की नींव बहुत मजबूत है। आज हमारी सीमाएं जल थल और हवा में सुरक्षित हैं। किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। भूतपूर्व सैनिकों ने अपने कौशल और परिश्रम से यह सुनिश्चित. किया है कि भारत का ध्वज, गौरव और गरिमा सुरक्षित रहे। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा- मध्यप्रदेश भले ही समुद्र तट से लगभग एक हजार किलोमीटर की दूरी पर हो, लेकिन यहां भारतीय नौ सेना के लगभग 15 सौ पूर्व सैनिक और 258 वीर नारियां हैं। मप्र सरकार ने सदैव सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए काम किया है।