पीएम के दौरे से पहले IAS को बनाया प्रमुख अभियंता
जल संसाधन विभाग में प्रमुख अभियंता के पद पर सरकार अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर पाई है। इस बीच पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर छतरपुर में होने वाले केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के शिलान्यास के चलते सरकार को इस पद के लिए पात्र इंजीनियर न मिल पाने पर आईएएस अफसर को इस पद का चार्ज देना पड़ा है। अब नरेंद्र मोदी के छतरपुर में परियोजना के शिलान्यास के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव प्रमुख अभियंता के रूप में मौजूद रहेंगे।
मोहन यादव सरकार केन-बेतवा लिंक और पार्वती-कालीसिंध-चंबल राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए तेजी से काम कर रही है। 17 सितंबर को पार्वती कालीसिंध चंबल नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास होने के बाद हाईकोर्ट द्वारा जारी एक आदेश में जल संसाधन विभाग के प्रभारी प्रमुख अभियंता शिरीष मिश्रा को हटा दिया है।
वे रिटायर अधीक्षण यंत्री हैं और संविदा पर इस पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे। मिश्रा को हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद जल संसाधन विभाग तकनीकी मुखिया विहीन हो गया है। दरअसल उच्च न्यायालय ने मिश्रा की नियुक्ति पर मई में रोक लगाते हुए राज्य सरकार और मिश्रा को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा था। दो दिन पहले कोर्ट ने मिश्रा को हटाने के आदेश पर सख्ती से अमल के आदेश दिए थे। इसके बाद से यह पद खाली है।
इनकी याचिका पर हटे शिरीष मिश्रा
दरअसल, भोपाल निवासी जोश सिंह कुसरे और विनोद सिंह टेकाम ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (ENC) के रूप में मिश्रा की नियुक्ति को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किया है।
अब 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छतरपुर में 44605 करोड़ रुपए की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करने आ रहे हैं तो सरकार इस पद के लिए योग्य इंजीनियर नहीं तलाश पाई और ऐसी स्थिति में आनन-फानन जल संसाधन विभाग के सचिव और आईएएस अधिकारी को प्रमुख अभियंता का चार्ज सौंपा गया है।
पीएचई विभाग और अन्य में भी ऐसे ही हालात
पदोन्नति पर रोक के चलते इसी तरह की स्थिति पीएचई विभाग समेत अन्य विभागों में भी बन रही है। सरकार प्रमुख अभियंता पद के लिए योग्य अधिकारी नहीं तलाश पा रही है और अधिकांश विभागों में संविदा पर पदस्थापना फोकस किए जाने का विरोध होने लगा है।