इंदौर में पुलिस ने नाबालिग से रेप के आरोपी रियल एस्टेट कारोबारी संजय दुबे के बेटे राजा को 30 घंटे तक थाने में बिठाए रखा। हथकड़ी भी लगा दी। मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में सुनवाई हुई। डबल बेंच ने पुलिस से कहा- हथकड़ी तो लगाई थी, बेड़ियां भी पहना देते।
कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को मामले में जिम्मेदार टीआई और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने और आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इसकी रिपोर्ट दो हफ्ते में न्यायालय में पेश करने को कहा है। राजा की ओर से वकील नीरज सोनी ने इंदौर बेंच में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। जिस पर जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस बीके द्विवेदी की कोर्ट में सुनवाई हुई।
टीआई ने पेन ड्राइव में दिए फुटेज वकील नीरज सोनी ने बताया कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चंदन नगर थाना टीआई इंद्रमणि पटेल से 30 घंटे के सीसीटीवी फुटेज पेश करने को कहा था। पहले तो टीआई ने फुटेज निकालने में दिक्कत बताई। फिर बाद में पेन ड्राइव उपलब्ध करा दी। टीआई ने कोर्ट को बताया कि थाना खुला था। राजा भाग न जाए। इसलिए हथकड़ी लगाई थी।
पुलिस कमिश्नर को जांच के निर्देश हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा, आपके द्वारा इस लड़के को थाने में 30 घंटे (26-27 नवंबर) बिठाकर उसके मूलभूत अधिकारों का बड़ा उल्लंघन किया है। पुलिस कमिश्नर विभागीय जांच कर आपराधिक मामला दर्ज करें।
जब टीआई ने सीसीटीवी कैमरे से फुटेज लेने में तकलीफ बताई तो कोर्ट ने कहा- हमारे पास आपके विरुद्ध पर्याप्त सबूत हैं। आप ये बताइए, आपने उस लड़के को होल्ड किया या नहीं। इसमें टीआई मना नहीं कर पाए। ये एडमिशन है कि उस लड़के को होल्ड किया था। उसके फुटेज हमारे पास हैं हमने देख लिए हैं। आपने उस लड़के की हैंड किपिंग भी की और 30 घंटे रोका भी।


यह है पूरा मामला इंदौर के रियल एस्टेट कारोबारी संजय दुबे (62) पर एक नाबालिग लड़की ने शारीरिक शोषण और गर्भवती करने के आरोप लगाए हैं। चंदन नगर पुलिस ने मामले में संजय दुबे के खिलाफ 12 नवंबर को पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस संजय का पता नहीं लगा सकी। परिवार पर दबाव बनाने के लिए संजय के इंजीनियर बेटे राजा (32) को 26 नवंबर को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेते वक्त पुलिसकर्मियों ने खुद को क्राइम ब्रांच का बताया।
राजा को 27 नवंबर की रात 11:30 बजे तक हिरासत में रखा। इस बीच उसे हथकड़ी लगाई गई और अपमानित भी किया। राजा के साले आकाश तिवारी ने एडवोकेट नीरज सोनी के माध्यम से राजा के मामले में 28 नवंबर को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर को भी लिखित शिकायत कर पूरे मामले से अवगत कराया गया।
थाने में अवैधानिक रूप से बैठाए रखा
पुलिस ने राजा को करीब 30 घंटे तक थाने में अवैधानिक रूप से बैठाए रखा। उसे हथकड़ी भी लगाई गई, जो कानूनन तब तक संभव नहीं जब तक व्यक्ति गंभीर आरोपी न हो या फरार होने की आशंका न हो। कानूनी प्रावधानों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को सिर्फ पूछताछ के लिए लंबी अवधि तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता। अगर वह आरोपी है तो उसे 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करना अनिवार्य है, लेकिन चंदन नगर पुलिस ने इन नियमों का उल्लंघन किया।
कोर्ट में सुनवाई की भनक लगते ही छोड़ दिया मामले में 28 नवंबर को डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई थी। इसमें कोर्ट ने राज्य शासन के एडवोकेट को निर्देशित किया कि वे इस केस की स्टेटस रिपोर्ट पेश करें। इसकी भनक लगते ही पुलिस ने राजा को छोड़ दिया। फिर 2 दिसंबर को हुई सुनवाई में इस केस की जांचकर्ता संध्या निगम हाईकोर्ट की इंदौर बेच में पेश हुईं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस केस में राजा से पूछताछ करनी थी, इसलिए उसे थाने लाया गया था।
कोर्ट ने पूछा- 30 घंटे तक कैसे पूछताछ कर सकते हैं पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि पूछताछ के लिए एक-डेढ़ घंटा हो सकता है, लेकिन 30 घंटों तक कैसे पूछताछ कर सकते हैं। इस पर जांच अधिकारी संध्या निगम ने कहा कि उस दिन मैं अवकाश पर थी, इसलिए इसकी जानकारी टीआई ही दे सकते हैं। इस पर कोर्ट ने चंदन नगर टीआई इंद्रमणि पटेल को तलब किया था। साथ ही राज्य सरकार के वकील को खासतौर पर कहा था कि वह 4 दिसंबर को यह व्यवस्थित रूप से उपलब्ध कराएं।




