जेब कतरों ने चलती बस में कंडक्टर को पीटा, केस
दो जेब कतरों ने भोपाल में दौड़ती सिटी बस के कंडक्टर पर हमला कर दिया। कंडक्टर ने बदमाशों को यात्री की जेब काटते देख लिया था और विरोध जताया था। इससे गुस्साए बदमाशों ने कंडक्टर की लात-घुसों से पिटाई कर दी। जिससे वह लहुलुहान हो गया। बस में बैठे एक पुलिसकर्मी ने हिम्मत दिखाकर एक बदमाश को दबोच लिया और थाने ले आया।
घटना चूना भट्टी इलाके में पं. खुशीलाल शर्मा हॉस्पिटल के पास हुई। करोंद से कोलार के बीच चलने वाली सिटी बस नंबर- एमपी-04 पीए-3692 के कंडक्टर सुरेश वर्मा (41) निवासी कजलीखेड़ा कोलार रोड के साथ बदमाशों ने मारपीट की। सुरेश के सिर में गंभीर चोंट आईं। साथी उसे तुरंत हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। बस में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद होने से वीडियो रिकॉर्ड नहीं हो सका।
कंडक्टर बोला-रास्ते में कई यात्रियों की जेब काटी कंडक्टर सुरेश ने बताया- मैं करोंद से कोलार तक चलने वाली बस में कंडक्टरी करता हूं। आज, सुबह साढ़े 11 बजे ड्राइवर शफीक खान के साथ मैं करोंद से बस लेकर कोलार की तरफ जा रहा था। रेलवे स्टेशन के पास चार-पांच जेब कतरे चढ़े थे, जो जहांगीराबाद से पहले एक-दो यात्रियों के पर्स भी उड़ा चुके थे, लेकिन किसी को भनक लगती, उससे पहले ही भाग निकले। यात्रियों ने जब जेब देखी तो यह बताई। हालांकि, बस में दो जेब कतरे मौजूद रहे। पं. खुशीलाल हॉस्पिटल में जब वे एक यात्री की जेब काट रहे थे, तब मेरी नजर चली गई। मैंने विरोध किया तो बदमाशों ने हाथापाई की। मारपीट कर मुझे लहुलुहान कर दिया। बस में ही एक पुलिसकर्मी बैठे थे। जिन्होंने एक बदमाश को दबोच लिया। इसके बाद बदमाश को चूना भट्टी थाने में लेकर पहुंचे और केस दर्ज कराया। कंडक्टर सुरेश ने बताया, उसके साथ पहले भी मारपीट की घटना हो चुकी है।
फरवरी 2017 में एसआर-5 में यात्री की कर दी थी हत्या फरवरी 2017 में यात्रियों से भरी लो-फ्लोर बस (एसआर-5) में जेबकतरों ने तांडा बैरसिया निवासी कमल सिंह (22) की हत्या कर दी थी। कमल सिंह उस दिन लो-फ्लोर बस एसआर-5 (एमपी-04 पीए 1067) में बैरागढ़ जाने के लिए सवार हुए थे। कोहेफिजा इलाके में तीन जेबकतरों ने उनका जेब काटने का विरोध किया तो चाकू से हमला कर हत्या कर फरार हो गए थे।
एक दिन में सवा लाख यात्री कर रहे सफर भोपाल की सड़कों पर 25 रूट पर करीब 200 सिटी बसें दौड़ रही है। BCLL (भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड) इनका संचालन कर रहा है। सिटी बसों में एक दिन में करीब सवा लाख यात्री सफर करते हैं। किराए के रूप में उन्हें न्यूनतम 7 और अधिकतम 42 रुपए लगते हैं। सभी बसों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और कैमरे होने के दावे किए जाते हैं, लेकिन वारदात के बाद भी जेबकतरों को पुलिस नहीं पकड़ पाती।
सिटी बसों में यह सुविधाएं होने का दावा
- सभी में CCTV लगे हैं।
- GPS सिस्टम से ट्रेकिंग।
- मोबाइल एप के जरिए बसों के आने-जाने की जानकारी।
- कैशलेस सुविधा भी शुरू की गई है। मोबाइल पास व मासिक स्मार्ट कार्ड की सुविधा।
- बसों के अंदर ईटीवीएम मशीन के माध्यम से स्मार्ट टिकटिंग।