भोपाल में जिला पंचायत की मीटिंग का बहिष्कार
भोपाल जिला पंचायत की मीटिंग शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई। दरअसल, आज दोपहर 12 बजे से जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन की मीटिंग थी। अध्यक्ष रामकुंवर गुर्जर, उपाध्यक्ष मोहन जाट समेत अभी सदस्य मीटिंग में समय पर पहुंच गए, लेकिन सीईओ ऋतुराज सिंह आधे घंटे बाद तक भी मीटिंग में नहीं पहुंचे। इस वजह से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों ने मीटिंग का विरोध कर दिया। बहिष्कार करते हुए वह मीटिंग हॉल से बाहर निकल गए। मीटिंग में पानी, स्वास्थ्य, सड़क जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होनी था।
अब दोपहर 1 बजे साधारण सभा की मीटिंग होगी। इस बैठक में विभागों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। पिछली बैठक की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी जाएगी। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएचई, उद्यानिकी, कृषि, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, प्रधानमंत्री सड़क योजना, पीडब्ल्यूडी, आदिम जाति कल्याण, वन, महिला एवं बाल विकास, मत्योद्योग, पशु चिकित्सा सेवाएं, पंजीयन सहकारी सेवाएं, उप पंजीयक सहकारी समिति, खेल समेत जिपं के अंतर्गत मनरेगा, जल जीवन मिशन, स्वच्छता मिशन, मध्याह्न भोजन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जलगंगा अभियान, पौधारोपण अभियान (एक पेड़ मां के नाम), 15वां वित्त आयोग अंतर्गत वर्ष 2024-24 की कार्ययोजना समेत अन्य विषयों पर चर्चा होगी।
इसलिए जरूरी है मीटिंग
जानकारी के अनुसार, मीटिंग ही एक ऐसा प्लेटफार्म होता है, जब सभी विभागों के अफसरों से जिपं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य रूबरू होते हैं। पिछली बैठकों में तो उपाध्यक्ष और सदस्यों की अधिकारियों पर भड़ास भी निकली थी।
इसके बाद कामों में थोड़ी तेजी आई, लेकिन मीटिंग नहीं होने से गांव के विकास से जुड़े काम अटक गए। सदस्यों का कहना है कि मीटिंग नहीं होने से वे गांव से जुड़े पानी, सड़क, नाला-नाली निर्माण, बिजली कनेक्शन समेत जनता से जुड़े अन्य विषय नहीं उठा पा रहे थे। इसलिए बुधवार को होने वाली मीटिंग में कई मुद्दे उठाएंगे।
दो महीने में होनी चाहिए मीटिंग
पिछली मीटिंग को एक साल से भी अधिक समय हो गया है। नियमानुसार मीटिंग हर दो महीने में होनी चाहिए।