भोपाल में कुंवारों को ठगने वाली गैंग का मैनेजर गिरफ्तार:6 फेक मैट्रिमोनियल वेबसाइट, कॉल सेंटर बनाए; छत्तीसगढ़ से ऑपरेट करते नेटवर्क
भोपाल साइबर क्राइम के हत्थे कुंवारों को ठगने वाली गैंग का सदस्य चढ़ गया है। यह गैंग बिलासपुर से फेक मैट्रिमोनियल वेबसाइट और कॉल सेंटर के जरिए वारातें कर रही है। इसके लिए इन्होंने 6 मैट्रिमोनियल वेबसाइट और 6 कॉल सेंटर बना रखे हैं।
पकड़ा गया आरोपी 12वीं पास है और कॉल सेंटर में मैनेजर था। पूछताछ में पता चला है कि ये लोग 500 से ज्यादा लोगों को ठग चुके हैं। पुलिस आरोपी से उसके साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है। सोमवार को गिरफ्तार आरोपी हरीश भारद्वाज (24) मूल रूप से वाराणसी (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है, फिलहाल बिलासपुर में रहता है।
मई में भोपाल के युवक से 1.5 लाख रुपए ठगे
इसी साल मई में आरोपी और उसकी गैंग भोपाल के कस्तूरबा नगर निवासी आनंद कुमार दीक्षित के साथ वारदात कर चुकी है। 4 मई को आनंद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि फेसबुक पर संगम विवाह मैट्रिमोनी की एड देखी। कॉन्टैक्ट करने पर कॉल सेंटर की लड़कियों ने उनसे अलग-अलग खर्च के लिए 1.5 लाख रुपए ले लिए। इसके बाद से ही पुलिस इस केस की जांच में जुटी हुई थी।
सीज बैंक खाते खुलवाने खुद भोपाल आया था
आनंद ने शिकायत राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCCRP) पर भी की थी। भोपाल क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के बैंक अकाउंट बंद कर दिए थे। इन्हें खुलवाने के लिए ही आरोपी हरीश भारद्वाज साइबर क्राइम भोपाल आया। पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसने ठगी की बात स्वीकार कर ली।
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने 6 फर्जी मैट्रिमोनियल वेबसाइट तैयार कीं। इनके नाम- इंडियन रॉयल मैट्रिमोनी, सर्च रिश्ते, ड्रीम पार्टनर इंडिया, 7 फेरे मैट्रिमोनी, संगम विवाह और माय शादी प्लानर हैं। ये 6 कॉल सेंटर भी चला रहे हैं।
ऐसे करते ठगी
- स्टेप 1: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे- फेसबुक, इंस्टाग्राम पर पेज तैयार कर अपनी बनाई मैट्रिमोनियल साइट का एड देते थे। इंटरनेट से किसी भी लड़की की फोटो डाउनलोड कर उसका फर्जी बायोडाटा तैयार करते थे।
- स्टेप 2: एड पर क्लिक करते ही लोग सीधा आरोपियों के वॉट्सऐप ग्रुप पर आ जाते थे। क्यूरी के लिए मैसेज करते थे। इसके बाद ठग उन्हें लड़कियों की इंटरनेट से डाउनलोड फोटो भेज देते। सिलेक्ट करने पर लड़की का फर्जी बायोडाटा भेजते।
- स्टेप 3: बॉयोडाटा पसंद आने पर आरोपी रजिस्ट्रेशन करवाने का कहते और इसके लिए फीस लेते। इसके बाद वो नंबर शेयर करते, जो उनके कॉल सेंटर में काम करने वाली किसी लड़की का होता था।
- स्टेप 4: कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़की शादी की प्लानिंग जैसे- शॉपिंग, डॉक्यूमेंट्स तैयार करने आदि के नाम पर पैसे की डिमांड करने लग जाती थीं।
बड़ा फ्रॉड नहीं करते आरोपी पुलिस कार्रवाई या शिकायत से बचने के लिए ज्यादा बड़ा फ्रॉड नहीं करते। छोटे-छोटे अमाउंट में पैसा लेते। इससे ज्यादातर लोग पुलिस केस नहीं करते। अगर कोई ज्यादा पीछे पड़ता, तो किस्तों में पैसे भी वापस कर देते। यहां तक की कई बार पुलिस कार्रवाई करने का बोलकर धमकाते भी थे।