यरूशलेम की अल अक्सा मस्जिद के चीफ इमाम पहली बार भोपाल में
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच यरूशलेम स्थित मस्जिद अल अक्सा परिसर पर अपनी दावेदारी के चलते इन दिनों मुस्लिमों के लिए पवित्र यह स्थान देश-दुनिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इसी मस्जिद के चीफ इमाम शेख अली उमर याकूब अब्बासी इन दिनों भोपाल में अल्प प्रवास पर हैं। इस मस्जिद के कोई इमाम पहली बार भोपाल आए हैं। उनके पीछे बुधवार को जमात बनाकर बंदों ने रब को सजदा किया और नमाज-ए-जोहर की अदायगी की। चीफ इमाम ने देश-दुनिया में खुशहाली के लिए सामूहिक दुआ कराई। कुरान की आयतों को सस्वर पढ़ने की शैली से लोग उनके मुरीद हो गए।
चीफ इमाम अब्बासी को भोपाल का मौसम बहुत खुशनुमा लगा। उन्होंने बुधवार को खानूगांव और एयरपोर्ट रोड पर निजी कार्यक्रमों में भाग लिया। वे मंगलवार रात सपत्नीक भोपाल आए हैं। यहां उनसे संवाद के लिए दुभाषिये का जिम्मा मौलाना युसूफ नदवी ने संभाला। जलसे में विशेष रूप से शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी, नायाब काजी मौलाना अली कद्र, मौलाना रईस समेत कई उलेमाओं के अलावा कई ख्यातनाम हस्तियां भी मौजूद रहीं।
40 बरस से मस्जिद के इमाम
शेख अली उमर याकूब अब्बासी 40 साल से मस्जिद अल अक्सा के चीफ इमाम हैं। वे अरबी भाषा व इस्लाम के प्रकांड विद्वान हैं। उनका तब्लीगी जमात से भी नाता है। वे भारत में पहली बार वर्ष 1998 में आए थे। उसके बाद से उनका भारत से लगातार संपर्क बना हुआ है।
मुस्लिमों की तीसरी पवित्र जगह
इस्लाम में मक्का और मदीना के बाद तीसरे नंबर पर मस्जिद अल अक्सा का महत्व है। इसका बड़ा कारण पैगम्बर हजरत मोहम्मद (स.अ.व.) साहब हैं। वे यहां से रब से मुलाकात के लिए मेराज के सफर पर गए थे। यहीं पर पैगम्बर मोहम्मद ने तमाम पैगम्बरों की नमाज में इमामत की थी।
तीन धर्मों का आस्था केंद्र
मस्जिद अल अक्सा को बैतूल मुकद्दस के रूप में पहचाना जाता है। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष के पीछे यही वह धार्मिक स्थान है, जिससे मुस्लिम, यहूदी और ईसाइयों की भी आस्था जुड़ी है। मस्जिद का परिसर 35 एकड़ में फैला हुआ है।