मेडिकल ऑफिसर ने महिला अधिकारी से छेड़खानी की
छिंदवाड़ा में परासिया के चीफ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (सीबीएमओ) पर छेड़खानी की एफआईआर हुई है। केस स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ एक नर्सिंग ऑफिसर ने दर्ज कराया है। एक हफ्ते में सीबीएमओ डॉ. प्रमोद वाचक पर यह दूसरा छेड़खानी का मामला दर्ज हुआ है। इससे पहले 17 जुलाई को परासिया थाने में एक लेडी डॉक्टर ने रिपोर्ट कराई थी।
महिला अधिकारी का कहना है कि घटना 4 मार्च की है। सीबीएमओ ने अपने क्लीनिक पर बुलाकर उनका हाथ पकड़ा। गलत डिमांड की।
कोतवाली टीआई उमेश गोलहनी ने बताया कि ये मामला वर्कप्लेस में छेड़खानी का है। एफआईआर कर ली है, इनके डिपार्टमेंट को भी लिखा जाएगा।
सैलरी रुकवाने की धमकी देते थे
महिला अधिकारी ने कहा कि मेरा काम मेंटरिंग विजिट का है। मेंटरिंग विजिट की चेक लिस्ट में सीबीएमओ के सिग्नेचर जरूरी होते हैं। मैं इसके लिए 4 मार्च को उनके कार्यालय पहुंचीं। वहां से मोबाइल पर बात की तो उन्होंने अपने प्राइवेट क्लिनिक पर बुलाया। यह क्लिनिक परासिया रोड पर है।
महिला अधिकारी ने बताया, ‘क्लीनिक पहुंची तो सीबीएमओ ने गंदी निगाह से देखा। बोले- मुझे साइन के बदले में क्या दोगी? मैंने पूछा- पैसे चाहिए क्या? बोले- पैसे किसको चाहिए? तुम समझदार हो, मुझे क्या चाहिए…।
सीबीएमओ डॉ. प्रमोद वाचक ने नजदीक आकर मेरा हाथ पकड़ा। मैंने कहा कि साइन कर दीजिए, मेरे मामा बाहर खड़े हैं। इस पर वे घबरा गए और तुरंत साइन कर चेक लिस्ट दे दी। मैंने ये बात अपने कलीग्स और परिवार को बताई। शुरुआत में इसलिए शिकायत नहीं की क्योंकि डर गई थी। ये सैलरी रुकवाने की धमकी देते थे। जब परासिया में डॉक्टर ने सीबीएमओ के खिलाफ केस किया तो मैं भी थाने पहुंची।’
सीबीएमओ डॉ. प्रमोद वाचक पर महिला अधिकारी ने छेड़खानी की एफआईआर दर्ज कराई है।
कलेक्टर सस्पेंड कर चुके हैं
सीबीएमओ डॉ. प्रमोद वाचक के खिलाफ कई महिलाएं शिकायत कर चुकी हैं। इससे पहले एक सीएचओ और एएनएम के साथ स्टाफ नर्स ने भी शिकायत की थी। उस मामले में कलेक्टर ने इन्हें सस्पेंड कर दिया था। एक साल पहले इन्हें हाईकोर्ट से स्टे मिला था।