Thursday, September 18, 2025
28.6 C
Bhopal

मुख्यमंत्री ने सुनाई कुलपति को कुलगुरु बनाने की कहानी

राजधानी भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय हिन्दी विज्ञान सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुलपति के पद को कुलगुरु करने की पूरी कहानी सुनाई…

मुख्यमंत्री ने कहा- ‘ये देश का दुर्भाग्य है और चुनौती पूर्ण लेकिन आनंद का विषय है। हम गुलामी के लंबे काल से निकलकर गए हैं। गुलामी ने हमारे अंदर के गुणों को पहचानने के लिए कष्ट खड़ा कर दिया। कई बार दूसरा कोई मजाक हममें से ही बनाता है। जब मैं शिक्षा मंत्री था तब हिन्दी ग्रंथ अकादमी की बैठक में सभी वाइस चांसलर्स के साथ सोचा कि हमारी डिग्रियां, मेडिकल, इंजीनियरिंग की डिग्रियों का पाठ्यक्रम हिन्दी में क्यों नहीं होना चाहिए। मुझे अच्छा लगा कि कभी जिनको कुलपति कहा जाता था वो सब ग्रंथ अकादमी में आते थे। इनको हमने कुलगुरु कहा है। ये उस मानसिकता का ही फर्क है कि कुलगुरु और कुलपति में जो होती है।
सीएम ने कहा- मैं जब शिक्षामंत्री था तब इंदौर यूनिवर्सिटी कैंपस में गया प्रोफेसर रेणु जैन अभी भी कुलगुरु हैं। मैं उनसे मिला संयोग से उनके पति मिले। उन्होंने कहा आपका मेरा परिचय नही हैं। मैंने कहा बताइए वो बोले मैं कुलपति का पति हूं। आप बताओ मेरी क्या हालत हुई होगी। उन्होंने कोई अहंकार में नहीं बोला। लेकिन, वो यथार्थ भी था। लेकिन, भाषा में क्या बोला गया उसका असर कैसा होगा। ये उस समय समझने के लिए पर्याप्त था। मैंने कहा ये नहीं चलेगा। हमने खोजबीन की तो बताया गया कि कुलगुरु रख सकते हैं। हमने कहा इससे अच्छी क्या बात हो सकती है। कुलपति के बजाए कुलगुरु कहते हैं।’

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज भोपाल में सीएसआईआर-एम्प्री (एडवांस मटेरियल एंड प्रोसेसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट) में दो दिवसीय राष्ट्रीय हिन्दी विज्ञान सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. शिव शर्मा, अवनीश श्रीवास्तव, अनिल कोठारी, जेपी शुक्ला मौजूद थे।

सीएम ने दो दिवसीय राष्ट्रीय हिन्दी विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सीएसआईआर की किताब 'अनुसंधान संदेश' और सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया।
सीएम ने दो दिवसीय राष्ट्रीय हिन्दी विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सीएसआईआर की किताब ‘अनुसंधान संदेश’ और सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया।

अंशकालिक शिक्षकों को गुरुजी कहा जाने लगा
सीएम ने कहा- जब कुलगुरु कहा तो हमारे यहां आजादी के बाद कुछ परंपरा अच्छी हुई लेकिन कुछ परंपरा अटपटी भी खड़ी हो गईं। शिक्षक दिवस पर डॉ. राधाकृष्णनन जी की स्मृति में होना अच्छी बात है लेकिन, गुरुपूर्णिमा जैसे हमारे त्योहारों को मनाने के लिए बड़ा संकोच होता है। गुरुजी कहते-कहते राजनीति में कुछ गड़बड़ तो हो ही जाता है। अंशकालिक शिक्षक लगा दिए तो उनका नाम गुरुजी कर दिया। तो गुरु पूर्णिमा में कौन जाएगा ये बड़ा संकट है उच्च शिक्षा वाले कहते हम नहीं आएंगे ये शिक्षकों में आ जाएंगे। शिक्षकों के पास जाओ तो वो कुछ और बात बताते।

किसी को अपने अपने प्रभाव से दबाना, डराना नहीं चाहते
सीएम ने कहा- ये बात सच है कि हम सब उस उज्जवल परंपरा से जुडे हैं। गुरु को रेखांकित किया गया है जिसमें अंधकार से प्रकाश की ओर से ले जाने वाली परंपरा का नाम गुरु है। हमारी हजारों साल से परंपरा रही है। हम किसी को दबाना, ड़राना नहीं चाहते। किसी को गिराना नहीं चाहते। किसी को अपने प्रभुत्व में लाकर अपने नीचे नहीं बिठाना चाहते। लेकिन, ये चीजें करने की बात करेंगे तो सब क्षेत्रों की महत्ता बढे़गी। उनमें विज्ञान सबसे पहले आता है। विज्ञान में हमारी भी कठिनाई है पढ़कर कागज की डिग्री मिलती है। लेकिन, अपनी स्व भाषा में जो बात समझ सकते हैं। देशी भाषा से जैसे ही हम विदेशी भाषा में जाते हैं तो कई बार अर्थ बदल जाता है।

Hot this week

17 सितंबर 2025 MP की फटाफट बड़ी खबरें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन पर मध्य...

Topics

17 सितंबर 2025 MP की फटाफट बड़ी खबरें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन पर मध्य...

भोपाल में डंपर और यात्री बस की टक्कर

भोपाल के खजूरी सड़क थाना इलाके में 11 मील...

हेड कांस्टेबल ने की युवक से मारपीट

इंदौर के बड़ा गणपति पर एक हेड कांस्टेबल का...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img