भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 के परिणाम जारी होने के बाद अब इस पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस परीक्षा परिणाम पर सवाल खड़े करते हुए सरकार को घेरा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने ओबीसी अभ्यर्थियों के परिणाम रोके जाने को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
अरुण यादव का सरकार पर बड़ा आरोप
अरुण यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए सरकार से पूछा,
“सरकार यह बताए कि 13% ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का परिणाम क्यों रोका गया? ओबीसी वर्ग के साथ लगातार अन्याय किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) ने पुलिस आरक्षक भर्ती 2023 का परिणाम जारी कर दिया, लेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा दिए गए 27% ओबीसी आरक्षण में से 13% अभ्यर्थियों का परिणाम बिना किसी सूचना के रोक दिया गया।
7500 पदों में सिर्फ 6446 का परिणाम जारी, 1000 से ज्यादा ओबीसी अभ्यर्थी प्रभावित
अरुण यादव ने बताया कि सरकार ने 7500 स्वीकृत पदों के मुकाबले सिर्फ 6446 पदों का परिणाम घोषित किया है।
1000 से अधिक ओबीसी उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लगातार ओबीसी वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि “किस आधार पर 13% ओबीसी अभ्यर्थियों का परिणाम रोका गया? क्या यह आरक्षण विरोधी मानसिकता का हिस्सा है?”
सरकार की चुप्पी पर सवाल
कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने 27% आरक्षण लागू किया, तो फिर 13% ओबीसी अभ्यर्थियों के परिणाम रोकने की वजह क्या है?
राजनीतिक मुद्दा बना पुलिस भर्ती रिजल्ट
मध्य प्रदेश में इस साल लोकसभा चुनाव 2024 भी होने वाले हैं। ऐसे में ओबीसी आरक्षण से जुड़े इस मामले को लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गई है। यह मुद्दा आगामी चुनावों में बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है।
एमपी पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 के परिणाम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। ओबीसी वर्ग के 13% अभ्यर्थियों का परिणाम रोके जाने से कांग्रेस आक्रामक हो गई है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या ओबीसी उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा?