MP Assembly News: भाजपा विधायक के ध्यानाकर्षण पर कांग्रेस ने गायों की मौत पर किया हंगामा
MP Assembly News: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। भाजपा विधायक सूबेदार सिंह रजौधा ने गुरुवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से मुरैना में गाय, भैंस सहित अन्य पशुओं की अचानक मृत्य का मामला उठाया। इस मुद्दे पर कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया और सरकार पर आरोप लगाया कि गोवंश की बात तो बहुत होती पर उनके संरक्षण के लिए कोई काम नहीं हो रहा है। न तो उन्हें खाने के लिए चारा मिल रहा है और न ही भूसा। आठ माह से अनुदान नहीं दिया गया है। गोशालाएं बंद पड़ी हैं। गोहत्या हो रही है। राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत जवाब देते इसके पहले ही कांग्रेस के विधायकों ने विरोध स्वरूप बहिर्गमन कर दिया। वहीं, रजौधा ने सरकार से पशुओं की मृत्यु को प्राकृतिक आपदा मानते हुए पशुपालकों को मुआवजा देने की मांग रखी।
जौरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रजौधा ने कहा कि पशुओं की मृत्यु होने के बाद किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा है। इसे प्राकृतिक आपदा नहीं माना जा रहा है। उनके इस मुद्दे को उठाते ही कांग्रेस के डा.गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधौ, लाखन सिंह यादव, पीसी शर्मा, प्रियव्रत सिंह सहित अन्य विधायक एक साथ खड़े हो गए और आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में गायें मर रही हैं पर सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। पशुओं को खिलाने के लिए भूसा तक नहीं मिल रहा है।
काफी देर तक कांग्रेस के सदस्य एक साथ बोलते रहे और फिर बहिर्गमन कर दिया। वहीं, रजौधा ने सरकार से पशुओं की मृत्यु को प्राकृतिक आपदा में शामिल करते हुए प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की। राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने उत्तर देते हुए कहा कि पशुधन की मृत्यु पर पशुपालन विभाग ने पशु चिकित्सकों को भेजकर जांच कराई थी। पोस्ट मार्टम भी करवाया गया और यह सामने आया कि निमोनिया, मिश्रिम संक्रकण सहित अन्य बीमारियों की वजह से पशुओं की मृत्यु हुई है। बीमारी से मृत्यु राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधानों के तहत मुआवजा की श्रेणी में नहीं आता है लेकिन इस पर विचार करेंगे।
पंप लगाकर भी नहर से ऊपर नहीं चढ़ रहा पानी, आदिवासी परेशान
बरगी विधानसभा से कांग्रेस के विधायक संजय यादव ने बड़ादेव सूक्ष्म उद्वहन सिंचाई परियोजना के लंबित होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से 103 गांवों के 72 हजार 864 किसान लाभांवित होंगे और 28 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी, पर यह लंबित है। इसकी वजह से क्षेत्र के आदिवासी परेशान हैं और 15 दिन से आंदोलन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री मानिट से पत्र पहुंचने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसका जवाब देते हुए नर्मदा घाटी विकास विभाग के राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि नई योजना को वर्तमान में शामिल करना संभव नहीं है। किसान स्वयं सिंचाई के लिए पंप लगाकर पानी खींच सकते हैं। इसके निर्देश भी दिए जा चुके हैं। इस पर विधायक लखन घनघोरिया ने कहा कि मोटर से भी पानी नहीं चढ़ सकता है। अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि आप इसकी जांच करा लीजिए कि पानी चढ़ सकता है या नहीं। इस पर विभागीय मंत्री ने जांच कराने का आश्वासन दिया।