आपका एम.पीटॉप-न्यूज़

नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षद पति के बीच हुई तीखी नोकझोंक, सुनिए

नगरपालिका अध्यक्ष पति राकेश शर्मा और पार्षद पति सूरज किरार के बीच वार्डों में होने वाले काम और पार्षदों की बैठक बुलाने को लेकर हुई बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया है। इस ऑडियो में जब वार्ड 9 की पार्षद रोशनी किरार के पति सूरज किरार ने पार्षदों की बैठक बुलाकर उनसे सलाहकर निर्णय लेने को कहा तो अध्यक्ष पति राकेश शर्मा ने दो टूक कहा कि जो काम होना है उसकी लिस्ट तुम्हारे पास भेज दी है। तुम्हें अपने जो काम जुडवाना हो, वे जुडवा लो, पार्षदों की बैठक मैं नहीं बुलाऊंगा। बैठक में काम कुछ नहीं होता सिर्फ हुडदंग ही होता है। इसके बाद जब सूरज किरार ने कहा कि बैठक में पार्षद एजेंडे के खिलाफ बोलेंगे तो तुम्हारी बेइज्जती होगी। इस पर राकेश शर्मा भड़क गए, बोले तुम मुझे….समझते हो। तुम तो ऐसे बात करते हो जैसे मेरे बाप ने तुमसे पैसे उधार ले लिए हों। इसके बाद दोनों नहीं रुके और खूब गाली-गलौज हुई। इस पूरी बातचीत का 16 मिनट से ज्यादा का ऑडियो वायरल हुआ है। पत्रिका के पास ये ऑडियो सुरक्षित है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

पढ़िए नपाध्यक्ष पति राकेश शर्मा और पार्षद पति सूरज किरार के बीच हुई तीखी बहस का पूरा ब्यौरा….

किरार- भाई साहब नमस्कार, राजेश ने एजेंडा भेजा है यही है क्या?

शर्मा- हां यही है, तुम्हें कुछ जुड़वाना हो तो जोड़ दो।

किरार- इसमें तो बहुत सा जुड़ना है।

शर्मा- क्या जुड़ना है, 15 लाख का बोला है, जो जुड़ना है जोड़ दो।

किरार- एजेंडा बनाओ तो पार्षदों को भी तो बैठाकर बनाना चाहिए।

शर्मा- तो तुम्हें बता तो दिया। तुम्हें भी भेज दिया, जो बताना हो बता दो।

किरार- नहीं भाईसाहब, अगर परिषद की बैठक में आपके एजेंडे के पक्ष में पार्षद नहीं बोल पाए तो अपनी बेइज्जती होगी।

शर्मा- नहीं क्यों होगी। हमने तो सबको भेजा है, तुमको भी भेजा है।

किरार- बैठक बुलाना चाहिए न भाईसाहब।

शर्मा- नहीं, बैठक हम कभी नहीं बुलाएंगे। बैठक में सिवाय हुडदंग के कुछ नहीं होता, हम व्यक्तिगत ही बात करेंगे। बैठक में हल्ला होता है, काम थोड़ी होता है।

किरार- भाई साहब परिषद है परिषद।

शर्मा- सूरज भाई, आप मुझे ज्यादा ज्ञान मत दिया करो, मैं दो तीन बार देख चुका। तुम मुझे क्या….समझ रहे हो।

किरार- आप बहुत अकलमंद हो भाई साहब।

शर्मा-नहीं मैंने तुम्हारा तरीका देखा है तुम ऐसे अकड़ के बात करते हो, क्या मेरे बाप ने तुमसे पैसे उधार ले लिए हैं। तुम्हें क्या गलतफहमी है। आप मेरे से आराम से बात करोगे, मैं बता दूं आपको। काम हो, नहीं हो, आपको धरना-प्रदर्शन जो करना हो कर लो। बंदूक चलाना हो, गुंडागर्दी करना हो कर लेना। तुम हमेशा चढ़कर बात करते हो, मैंने कर्जा ले रखा है क्या तुमसे?

किरार- मैंने तो कोई चढुकर बात नहीं की।

शर्मा- सुनो मैं डरने वाला नहीं हूं किसी से भी। नेतागिरी चली गई (#…#) में। आप आराम से बात करो जो करना हो। पार्षद ये कर देंगे, पार्षद वो कर देंगे। पार्षद नहीं हुए…तुम क्या मुझे….समझ रहे हो। मैं सुनो, भरे पेट का आदमी हूं। कमाने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं।

किरार- तो मैंने आपसे क्या मांग लिया?

शर्मा-जो तुम्हें करना हो खूब करो। मैं डरने वाला नहीं हूं।

किरार- मेरी बात तो सुनो भाई साहब, एक मिनट मेरी भी सुन लो। आप मुझ पर भडक़ क्यों रहे हो।

शर्मा- नहीं तुम ये कह रहे हो कि पार्षद ये कर देंगे, वो कर देंगे। अरे क्या कर देंगे, पार्षद मुझे मार दें, आ जाओ बंदूक चला दो मेरे ऊपर।

किरार- इतने तो भड़क रहे हो आप।

शर्मा- ऐसे काम नहीं होता भैया। जो करना है करो ना। दाल-रोटी है मेरे पास।

किरार- आप तो सबसे बड़े शूरवीर हो भाई साहब।

शर्मा-आप आराम से बातचीत करो मेरे से तो ही काम हो पाएगा। (#…#) में घुस गई राजनीति।

किरार- भाई साहब आप तरीके से बात करना मुझसे। इस तरह की बात किसी और पार्षद से करना मुझसे मत करना।

शर्मा- तुम्हारा जो तरीका है न जो अकड़ के बात कर रहे हो वो ठीक नहीं है।

किरार- आप कैसी बात कर रहे हो, अध्यक्ष से बात कराओ।

शर्मा- तुम भी अपनी पत्नी से बात कराओ।

किरार- तुम मुझसे गुंडागर्दी वाली बात मत करो।

शर्मा- तुम से जो बने उखाड़ लेना मेरा यार।

किरार- देखो तरीके से बात करो।

शर्मा- अब आराम से बताओ क्या बात है।

! किरार- शर्मा जी, तू जो गुंडयाई बता रहा है, मैं अपनी भाषा पर आ गया तो तुम्हें शरम लग जाएगी।

” शर्मा- काहे की शरम लग जाएगी, मेरे मुंह नहीं है क्या। मेरे हाथ पैर नहीं हैं क्या।

प्त किरार- अध्यक्ष से बात कराओ न, तू क्यों बात कर रहा है।

ॲशर्मा- हां तो तुम भी अपनी पत्नी से बात कराओ न।

% किरार- पत्नी से बात कराउंगा तो तुम नपा में मत बैठ जाना।

शर्मा- क्यों मत बैठ जाना, सांसद प्रतिनिधि हूं, सबमें बैठूंगा मैं।

‘ किरार- पत्नी मेरी बेइज्जती करके बाहर निकाले तो फिर मत कहना। सुनो, तुम्हारे जैसे गुंडे मैंने बहुत निकाले हैं।

( शर्मा- (#…#) मुझे गुंडा कह रहा है दो कौड़ी का आदमी।

) किरार- तू होगा दो कौड़ी का आदमी। तुम पार्षदों से ही अध्यक्ष बने हो, इतने बड़े गुंडे मत बनो तुम।

  • शर्मा- काहे के अध्यक्ष, तू फिर गुंडा कह रहा है। ठीक है तो हटवा देना, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं राजनीति में कोई पैसे कमाने थोड़ी आया हूं।
  • किरार- गुंडागर्दी खुद ने स्टार्ट की है। गाली बकी हैं तुमने।

, शर्मा- हां तो तुम बकोगे तो हम भी बकेंगे।

  • किरार- मैंने गालियां नहीं बकीं। मैंने तरीके से बात की है। जो गुंडागर्दी की है तुमने वो सीएम से शिकायत करूंगा पूरी।
https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770