भोपाल के रविन्द्र भवन स्थित हंसध्वनि सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय हिन्दी अलंकरण सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव देशभर से चयनित साहित्यकारों, शोधकर्ताओं और मनीषियों को सम्मानित किया।
समारोह में न केवल विभूतियों को अलंकृत किया गया, बल्कि नए प्रकाशनों का लोकार्पण और ‘Be Indian, Buy Indian, हमारी-लक्ष्मी हमारे पास’ अभियान का शुभारंभ भी हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने की।
समारोह के दौरान विविध प्रकाशनाओं का विमोचन हुआ। जिनमें भारतीय भाषा आलोक, समाज की भाषा का संकल्प, भोजपुरी प्रतिभाएं, शिवगीता, अवधूतगीता, श्रीकृष्ण चरित्र और श्रीराधा द्वापर युग की महानायिका जैसे ग्रंथ शामिल हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को विक्रमोत्सव 2025 के लिए एशिया के शासकीय समारोह की विशेष श्रेणी में मिला गोल्ड अवॉर्ड भी भेंट किया गया। यह सम्मान WOW अवॉर्ड एशिया की टीम द्वारा दिया गया।
ये हुए सम्मानित
- राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान: प्रशांत पोल (जबलपुर, 2024), लोकेंद्र सिंह राजपूत (भोपाल, 2025)
- राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान: रीता कौशल (ऑस्ट्रेलिया, 2024), डॉ. वंदना मुकेश (इंग्लैंड, 2025)
- राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान: डॉ. इंदिरा गाजिएवा (रूस, 2024), पद्मा जोसेफिन वीरसिंघे (श्रीलंका, 2025)
- राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान: डॉ. राधेश्याम नापित (शहडोल, 2024), डॉ. सदानंद सप्रे (भोपाल, 2025)
- राष्ट्रीय हिन्दी सेवा सम्मान: डॉ. केसी अजयकुमार (तिरुवनंतपुरम, 2024), डॉ. विनोद बब्बर (दिल्ली, 2025)
साहित्य, समाज और तकनीक का संगमयह आयोजन न सिर्फ साहित्यकारों बल्कि तकनीकी, समाजसेवी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काम करने वाले विशेषज्ञों को भी सम्मानित किया गया। विदेशी विद्वानों को भी हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए सराहा गया।