किडनैपिंग बताकर पिता से रुपए मांगने वाली NEET छात्रा फंसी
भंवरकुआ पुलिस ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी गढ़ कर 30 लाख की फिरौती मांगने वाली NEET छात्रा पर केस दर्ज किया है। छात्रा और उसके दोस्तों सहित तीन आरोपी बनाए हैं। इस मामले में राजस्थान, शिवपुरी और इंदौर की पुलिस 15 दिन तक परेशान होती रही। अब एफआईआर इंदौर में पांच माह बाद की गई है।
भंवरकुआ पुलिस के मुताबिक जांच के बाद छात्रा काव्या, उसके दोस्त हर्षित यादव और ब्रजेन्द्र प्रताप अहिरवार पर कार्रवाई की है। पुलिस को कोटा के विज्ञान नगर थाने से छात्रा के अपरहण की सूचना मिली थी। उसमें एक पिता ने बताया कि उनकी बेटी का अपहरण हुआ है। अपहर्ता ने 30 लाख की फिरौती मांगी। इसके बाद जयपुर और कोटा में छात्रा की जानकारी निकालकर उसकी उसकी तलाश की गई।
बाद में पुलिस को पता चला कि छात्रा ने अपने दोस्तों के साथ इंदौर में पूरी साजिश को अंजाम दिया। छात्रा ने अपनी मर्जी से खुद के हाथ पैर बंधवा कर फोटो खिंचवाए और माता-पिता को भेज दिए। इंदौर से बरामदगी के बाद कोटा पुलिस ने जांच के बाद प्रकरण इंदौर पुलिस को फिर सौंप दिया है। इसके बाद भंवरकुआ पुलिस ने धाराएं बढ़ाई हैं।
सहेली के रूम से बरामद किया था पुलिस ने
18 मार्च 2024 को खुद को लापता बताने वाली काव्या और हर्षित को उसकी सहेली के इंदौर स्थित रूम से 15 दिन बाद बरामद किया गया था। बाद में कोटा पुलिस को सौंप दिया गया था। इसके बाद कोटा पुलिस को सूचना दी गई। सहेली का रूम देवगुराड़िया (खुड़ैल) के आगे इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के पास था। लापता बताकर छात्रा अमृतसर में रुकी थी।
अपने ही अपहरण की रची थी झूठी कहानी
काव्या के परिजन ने उसे नीट की तैयारी करने कोटा भेजा था। पिता रघुवीर धाकड को 18 मार्च की दोपहर 3 बजे मोबाइल पर बेटी की किडनैपिंग का मैसेज आया था। बेटी के हाथ-पैर और मुंह बंधी फोटो भी भेजी गईं। कुछ फोटो में काव्या के चेहरे पर खून भी नजर आ रहा था। उसे जिंदा छोड़ने के एवज में 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। मैसेज भेजने वाले ने बैंक खाते की डिटेल भी भेजी थी।
रघुवीर ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की थी। जहां से मामला कोटा पुलिस को भेजा गया था। कोटा पुलिस को तहकीकात के दौरान पता चला कि अपहरण की कहानी झूठी है और वह अपनी सहेली के यहां छुपी है। उसके वीडियो भी सामने आए थे।