प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि एमपी में SIR प्रक्रिया के लिए बेहद कम समय दिया गया है, जिससे BLO पर भारी दबाव बढ़ गया है। उनका आरोप है कि भाजपा नेताओं की ओर से BLO पर मतदाता सूची से नाम काटने का दबाव बनाया जा रहा है। इसी तनाव के कारण कई बीएलओ की मौतें और हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं। पटवारी ने प्रदेश में पेशाब कांड जैसी घटनाओं पर भी कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए।
बीएलओ पर नाम काटने का दबाव बढ़ा
पटवारी ने कहा कि पूरे मध्यप्रदेश में BLO अत्यधिक दबाव में काम कर रहे हैं। उनसे जबरन मतदाता सूची से नाम हटाने को कहा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि BLO खुद भी इस स्थिति से परेशान हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अगर पात्र लोगों के नाम काटे गए तो भविष्य में उन्हीं पर कार्रवाई होगी। इस वजह से तनाव, हार्ट अटैक और मौत के मामले बढ़ रहे हैं।
SIR प्रक्रिया के समय को बढ़ाने की मांग
उन्होंने कहा कि SIR के लिए चुनाव आयोग ने बहुत कम समय दिया है, जबकि यह बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। कांग्रेस ने आयोग को लिखित में समय बढ़ाने की मांग की है। पटवारी ने सभी कांग्रेस नेताओं से अपने-अपने क्षेत्रों में SIR प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि वह खुद भी अलग-अलग इलाकों में जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और कांग्रेस किसी भी पात्र व्यक्ति का नाम कटने नहीं देगी।
घुसपैठिए हैं तो सरकार की असफलता
पटवारी ने कहा कि भाजपा नेताओं की ओर से मंचों से लगातार कहा जा रहा है कि घुसपैठियों के नाम काटे जाएं। इस पर उन्होंने सवाल उठाया कि जब पिछले 10 साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है और प्रदेश में भी लंबे समय से सत्ता उन्हीं के पास रही है, तो फिर घुसपैठ कैसे हो गए? उन्होंने कहा कि यह खुद सरकार की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था की विफलता को दिखाता है।
पेशाब कांड पर बोले- कानून का डर नहीं
मंडीदीप में दिव्यांग युवक पर पेशाब करने का वीडियो सामने आने पर पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था की हालत बेहद खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि पहले ऐसी हरकतें बीजेपी से जुड़े लोग करते थे, अब दूसरे लोग भी करने लगे हैं, क्योंकि प्रदेश में कानून का कोई डर नहीं रह गया है।
पटवारी ने कहा कि किसी व्यक्ति पर बार-बार पेशाब करने की घटना, पुलिस पर हमले, पुलिसकर्मियों की हत्या और भ्रष्टाचार जैसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। NCRB के आंकड़े भी दिखाते हैं कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है।




