Thursday, June 5, 2025
26.1 C
Bhopal

पटवारी बोले-किसानों को खाद नहीं दे पा रही सरकार:डीएपी लेने लाइन में लगे किसानों पर पुलिस बरसा रही लाठियां, CM विदेश घूम रहे

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने खाद संकट को लेकर केंद्र और राजय सरकार पर निशाना साधा है। पटवारी ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें खेती-किसानी पर गहरा आघात कर रही हैं। एक तरफ किसानों को पर्याप्त समर्थन मूल्य नहीं दिया जाता, दूसरी ओर उन्हें समय पर खाद भी नहीं मिल रही। खेती की लागत इतनी बढ़ा दी गई है कि किसानों का लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है।

मध्यप्रदेश के किसान कई-कई दिनों तक खाद लेने के लिए कतारों में खड़े हैं। भाजपा की सरकार में किसान पुलिस की लाठियां खा रहे हैं और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री इसका संज्ञान लेने की अपेक्षा सात समुंदर पार सत्ता का लुत्फ उठा रहे हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में रबी सीजन में गेहूं, चना, मटर, सरसों, गन्ना, अलसी जैसी प्रमुख फसलें पैदा की जाती हैं।

डीएपी खाद का संकट : पटवारी ने कहा मध्यप्रदेश और देश में डीएपी खाद का गहरा संकट है। प्रदेश में रबी सीजन में भारत सरकार द्वारा 8 लाख मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराने की सहमति दी गई थी। लेकिन, 20 नवंबर 2024 तक मात्र 4.57 लाख मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराई गई और अब तक प्रदेश में मात्र 2.91 लाख मैट्रिक टन डीएपी का विक्रय किया गया। डीएपी और कॉम्प्लेक्स खाद सिर्फ बोवनी के समय ही उपयोग किया जाता है। अभी अक्टूबर-नवम्बर माह बोवनी का समय होता है, मगर भारत सरकार द्वारा डीएपी उपलब्ध कराने के आश्वासन का आधा खाद भी नहीं दिया है।

जहां प्रदेश में यूरिया की जरूरत 20 लाख मैट्रिक टन की है। वहां उपलब्धता 12.70 लाख मैट्रिक टन मात्र की है और 20 नवंबर 2024 तक इसमें से भी केवल 7.69 लाख मैट्रिक टन वितरित किया गया।

शिवराज ने किसानों को धोखा दिया : पटवारी ने सोयाबीन की फसल लगाने वाले किसानों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को लेकर एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में लगभग 52 लाख हेक्टेयर भूमि में सोयाबीन की बुवाई हुई है। 55 से 60 लाख टन सोयाबीन उत्पादित हुआ है। सोयाबीन किसानों को फसलों के दाम लागत मूल्य जितने भी नहीं मिल पा रहे थे। कृषि मंत्री और प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राइस सपोर्ट स्कीम पर सोयाबीन को समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदने का भरोसा दिया था।

जबकि हकीकत कुछ और ही है। राज्य सरकार ने 2024-25 खरीफ सीजन के लिए 10 सितम्बर 2024 को 27.34 लाख मैट्रिक टन सोयाबीन खरीदने का अनुरोध किया था। मगर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए मात्र 13,68,045 मैट्रिक टन सोयाबीन खरीदने की अनुमति ही केंद्र द्वारा दी गई। उसमें से भी 25 अक्टूबर से 21 नवंबर 2024 तक मात्र 56768.85 मैट्रिक टन सोयाबीन खरीदा गया।

Hot this week

कल बिजली कटौती:भोपाल के 45 इलाकों में असर

भोपाल के करीब 45 इलाकों में शुक्रवार को 30...

महंगे शौक पूरे करने इंजीनियर बने चोरी के मास्टरमाइंड

भोपाल की कोलार पुलिस ने तीन शातिर चोरों को...

चलती ट्रेन से मोबाइल चोरी कर आउटर पर कूदा शातिर

रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भोपाल मंडल की...

पर्यावरण दिवस पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी शासन...

भोपाल पुलिस कमिश्नरेट को मिली बड़ी सफलता

//थाना कोलार रोड// भोपाल पुलिस कमिश्नरेट को मिली बड़ी...

Topics

कल बिजली कटौती:भोपाल के 45 इलाकों में असर

भोपाल के करीब 45 इलाकों में शुक्रवार को 30...

महंगे शौक पूरे करने इंजीनियर बने चोरी के मास्टरमाइंड

भोपाल की कोलार पुलिस ने तीन शातिर चोरों को...

चलती ट्रेन से मोबाइल चोरी कर आउटर पर कूदा शातिर

रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भोपाल मंडल की...

पर्यावरण दिवस पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी शासन...

भोपाल पुलिस कमिश्नरेट को मिली बड़ी सफलता

//थाना कोलार रोड// भोपाल पुलिस कमिश्नरेट को मिली बड़ी...

लोगों को जागरुक करें कि सड़क पर नमाज नहीं पढ़ें

मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने कहा है कि ईद...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img