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कैबिनेट मंत्री की शपथ लेनी थी, राज्यमंत्री की ले ली

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट का सोमवार को विस्तार हुआ। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए विधायक रामनिवास रावत को राजभवन में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेनी थी। उन्होंने सुबह करीब 9.03 बजे बतौर राज्यमंत्री शपथ ले ली। गलती का अहसास हुआ तो उनको करीब 9.18 बजे फिर कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई। रावत ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया, इसलिए रिकॉर्ड में वे कांग्रेस विधायक ही हैं। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत कई मंत्री शामिल हुए।

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मोहन मंत्रिमंडल में अब मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 3 पद अभी खाली है।

मंत्री बनने के बाद रावत विधायक पद से विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप सकते हैं। इसके बाद उनकी विधानसभा सीट श्योपुर जिले की विजयपुर पर दोबारा चुनाव होगा।

शपथ में ऐसे हुई गफलत
रामनिवास रावत को बतौर कैबिनेट मंत्री की ही शपथ लेनी थी। उन्हें जो पत्र दिया गया था उनमें राज्य के मंत्री लिखा था, लेकिन वे गलती से इसे राज्य मंत्री पढ़ गए। इस वजह से उनकी शपथ राज्यमंत्री के तौर पर दर्ज हो गई। फिर दोबारा शपथ लेने के बाद वे कैबिनेट मंत्री हो गए।

कांग्रेस लगा चुकी है सदस्यता खत्म करने की याचिका
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास विजयपुर विधायक रावत और बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खत्म करने के लिए पिटीशन लगाई है। शुक्रवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के दल ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी।

इस पिटीशन के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते अब रावत और सप्रे की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में या तो ये दोनों ही विधायक कांग्रेस विधायक पद से जल्द इस्तीफा देंगे या फिर विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता खत्म करने का फैसला लेंगे।

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