रेत माफियाओं के हाथों की कटपुटली बना प्रशासन
प्रशासन के नुमाइंदे शासन को चूना लगाने से बाज नहीं आ रहे
सिंध नदी रेत माफियाओं के लिए वरदान साबित हो रही है
शिवपुरी जिला अवैध रेत कारोबार का हब बन चुका है। करैरा विधानसभा और पोहरी विधनसभा क्षेत्र में अवैध रेत का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा। नदी नालों से तो कहीं शासकीय और निजी भूमि से अवैध रेत का उत्तखनन धडल्ले से हो रहा है।राजस्व विभाग में पदस्थ तहसीलदार और थाना प्रभारी तो अनदेखा कर ही रहें हैं। अब वन विभाग के डिप्टी और बीट गार्ड वन क्षेत्र से रेत का अवैध उत्खनन करा कर अपनी रोटियां सेक रहें हैं। सड़कों पर दौड़ लगा रहे अवैध रेत के दर्जनों वाहन इनके संरक्षण में चल रहे हैं। सतनबाड़ा थाना क्षेत्र के ऐरावान, पवा नरवर थाना क्षेत्र के टुकी, लेंगडखो में पिछले 5 माह से सिंध नदी से हजारों ट्रेक्टर ट्राली रेत का परिवहन तो किया ही गया है साथ ही कई स्थानों पर सैंकड़ों ट्रॉली अवेध रेत का भंडारण किया है। लेकिन प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा सैकडों ट्रॉली अवैध रेत के भंडारण को जप्त कर कार्यवाही करने की जुर्रत नही कर रहा।
मध्य प्रदेश के मुखिया मोहन यादव के निर्देश भी यहां बे असर दिखाई दे रहें हैं। आखिर किसके संरक्षण से हो रहा अवैध रेत का भंडारण और परिवहन कब जागेगा जमीर या फिर रेत माफियाओं के हाथों की कटपुटली बन कर तमाशबीन बना रहेगा प्रशासन।