इंदौर को भिक्षामुक्त जिला बनाने के लिए भिक्षा लेने और देने पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही भिक्षावृत्ति की सूचना देने वालों को भी एक-एक हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इंदौर को जल्द ही भिक्षावृत्ति मुक्त जिला घोषित किया जाएगा।
सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षावृत्ति की सूचना देने वाले छह नागरिकों आकाश पाराशर, आकाश नायक, तुषार गंगवानी, वशीम खान, जितेंद्र वर्मा तथा अंकित मालवीय को एक-एक हजार रुपए की सम्मान निधि प्रदान की। इस निर्णय के संदर्भ में नागरिकों में उत्साह भी है। सूचना देने के लिए जारी मोबाइल नंबर पर 200 नागरिकों ने सूचनाएं प्रदान की। इसमें से 12 सूचनाएं सत्यापित हुई। इन सभी को एक-एक हजार रुपए मिलेंगे। इसमें से 6 नागरिकों को सम्मानित किया गया।
जिले में भिक्षावृत्ति प्रतिबंधित
पिछले दिनों प्रशासन ने इस संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया था। आदेशानुसार जिले में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार के सामान को खरीदना भी प्रतिबंधित किया गया है। जो व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई भी सामान/वस्तु प्रदान करता है या देता है या इनसे कोई सामान खरीदता है तो उसके विरूद्ध भी इस आदेश के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश 2 जनवरी 2025 से 28 फरवरी 2025 तक प्रभावशील रहेगा।
इस नंबर पर दें सूचना
शहर में कहीं कोई व्यक्ति भिक्षावृत्ति करते पाया जाता है तो इसकी सूचना महिला और बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा के (मोबाइल नंबर 9691494951) पर दे सकते हैं। सूचना सत्यापन के दौरान जानकारी सही पाई जाती है तो संबंधित व्यक्ति को 1 हजार रुपए की राशि प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।