भोपाल में किराए से मिलेंगी निगम के भवनों की छतें, बहुमत से प्रस्ताव पास, कांग्रेस ने किया था विरोध
भोपाल नगर निगम के भवनों की छतें अब किराए से मिल सकेंगी। बुधवार को आयोजित हुई बैठक में कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बावजूद प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई। हालांकि अगली बैठक में इसकी पूरी नियमावली पटल के सामने रखी जाएगी। तर्क है कि इससे निगम की आय बढ़ेगी।
एमआईसी मेंबर जगदीश यादव ने निगम की संपत्ति की छत किराए से देने का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन पार्षद ब्रजला सचान के किया। इस पर कांग्रेस पार्षद मोहम्मद अजीज ने आपत्ति ली। पार्षद देवांशु कंसाना में भी विरोध किया। कंसाना ने मांग रखी कि जोन और वार्ड कार्यालय की छत किराए पर न दी जाए। पार्षद पप्पू विलास ने भी अपनी बात रखी। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा कि इसमें कई पेंच हैं, इसलिए इस प्रस्ताव को लेकर जल्दबाजी ठीक नहीं है।
एमआईसी मेंबर का तर्क- इससे इनकम बढ़ेगी
एमआईसी मेंबर यादव ने कहा कि हर बिल्डिंग का भौतिक सत्यापन होगा। इसके बाद ही किराए पर देंगे। एमआईसी मेंबर मनोज राठौर ने कहा कि नए भवन की छत किराए से देने से निगम की आय बढ़ेगी। एमआईसी मेंबर रविन्द्र यति ने कहा कि छत को शराब दुकान या गलत कामों के लिए किराए पर नहीं देंगे। अन्य शहरों में छत किराए पर दी जाती है। उनकी आर्थिक आय होती है। यह प्रस्ताव हवा में नहीं बनाया गया है। यह नगर निगम की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने और निगम की आय बढ़ाने को लेकर है।
भोपाल नगर निगम की बैठक में महापौर मालती राय समेत एमआईसी मेंबर मौजूद रहे।
आवारा कुत्तों को लेकर भी हुआ हंगामा
इससे पहले, बैठक में आवारा कुत्तों को लेकर कांग्रेस पार्षद भड़के। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस पार्षद ने नसीम गफूर ने पूछा कि पिछले बजट में स्ट्रीट डॉग्स को लेकर एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। ये राशि कहां खर्च हुई? इस पर एमआईसी मेंबर आरके सिंह बघेल ने बताया कि नगर निगम कुत्तों के लिए बाड़े का निर्माण नहीं करता। इसका पिंजरा बनता है, जो बनाए गए हैं। इस पर गफूर ने कहा कि इतनी राशि खर्च होने के बाद आवारा कुत्ते क्यों हैं?
दूसरा प्रश्न नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने सीवेज प्रकोष्ठ में गड़बड़ी और जांच से जुड़ा प्रश्न पूछा। एमआईसी मेंबर रविन्द्र यति ने जवाब दिया। जकी ने तीसरे प्रश्न में ‘एक पौधा मां के नाम अभियान’ में खर्च राशि का हिसाब मांगा। बीजेपी पार्षद पप्पू विलास ने कहा कि कांग्रेस को अच्छे काम में भी आपत्ति है? चौथा प्रश्न कांग्रेस के अशोक वाणी ने नाले-नालियों की सफाई, सड़कों की जर्जर हालत, बाढ़ से निपटने के इंतजाम को लेकर पूछा।
सड़कों के मेंटेनेंस के लिए मिलेंगे एक-एक लाख
कांग्रेस के पार्षद अशोक वाणी ने पूछा कि भोपाल में निगम की चार हजार किलोमीटर की सड़कें हैं। बारिश की वजह से सड़कें उखड़ गई हैं। सड़कों के गड्ढों को लेकर महापौर मालती राय ने कहा कि सड़कों के गड्ढे के मेंटेनेंस के लिए जोन स्तर पर एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे, जिससे कोटेशन के आधार पर सिविल वर्क करवा सकेंगे।
मामले पर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कहा कि इस बार हुई बारिश से कई सबक मिले हैं। कई जगह पर पानी भर गया और सड़कें खराब हुई हैं। निगम कमिश्नर अभी से देखें कि इस बार कहां पर पानी भरा? क्या दिक्कत हुई? इन जगहों को चिन्हित करके व्यवस्था करें, ताकि अगली बार यह दिक्कत पैदा ही ना हो।
नगर निगम की मीटिंग शुरू हो गई है। इस दौरान महापौर मालती राय समेत एमआईसी सदस्य मौजदू हैं।
निगम कमिश्नर बैठक में से उठकर गए
मीटिंग के दौरान निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण यादव उठकर बाहर चले गए। इसकी जानकारी निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी को भी नहीं थी। कांग्रेस के सीनियर पार्षद मोहम्मद अजीजुद्दीन ने इस पर आपत्ति ली। कहा कि जब भी सदन चलता है और निगम कमिश्नर को बाहर जाना होता है, तो उनकी जगह कुर्सी पर अन्य सीनियर अधिकारी को बैठना होता है। कुर्सी खाली नहीं रहती। यह सुन अध्यक्ष सूर्यवंशी भी चौंक उठे। इसके बाद तुरंत निगम की सीनियर अधिकारी अपनी कुर्सी से उठकर कमिश्नर की कुर्सी पर बैठ गईं। हालांकि कुछ देर में ही कमिश्नर यादव आ गए।
मृत कर्मचारी को सैलरी मिलने पर सवाल
इससे पहले, कांग्रेस पार्षद शिरीन खान ने मृत कर्मचारी को सैलरी मिलने के बारे में एक बार फिर सवाल पूछा। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में भुगतान नहीं हुआ है।
बैठक में महापौर मालती राय और एमआईसी मेंबर निगम शामिल हैं। शुरुआत में पार्षद समर हुजूर ने निर्माण कार्य को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- जिस जगह काम होना था, वहां न होकर अन्य जगह कर दिए गए। एक घंटे के प्रश्नकाल में प्रश्नकाल के दौरान 13 में से 8 प्रश्न ही पूछे जा सके। बाकी के उत्तर लिखित में दिए जाएंगे।