प्रदेश में ग्रामीण इलाकों की 15 हजार से अधिक बसाहटें अभी भी संपर्क विहीन हैं। ऐसी बसाहटों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने सीईओ जिला पंचायत और संभागायुक्तों से रिपोर्ट मांगी है। ये ऐसी बसाहटें हैं जो बारिश के मौसम में चार से पांच माह तक मुख्य सड़क मार्गों से कट जाती हैं और नदी, नाले व अन्य स्त्रोत पार करके यहां जाना होता है। ऐसी बसाहटों में केंद्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से बारहमासी सड़क सुविधा देने का काम किया जाएगा।
अधिकारियों को देनी होगी रिपोर्ट
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश के पहुंचविहीन गांवों को आवागमन की सुविधा से जोड़ने के लिए दूसरे चरण में 15055 ग्रामीण बसाहटों को चिह्नित किया है। इन बसाहटो में सर्वे और फिजिकल वेरिफिकेशन कराकर आवागमन की सुविधा की तैयारी की जाएगी। इसके लिए संपर्कता एप का उपयोग किया जाएगा। इस व्यवस्था को लेकर शासन की ओर से संभागायुक्तों, सीईओ जिला पंचायत और ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के सीईओ को निर्देश जारी कर सर्वे का काम पूरा करने के लिए कहा गया है।
राज्य शासन द्वारा ऐसी बसाहटों को केंद्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से संपर्क युक्त बनाने के लिए प्लान तैयार किए जाएंगे। इसके लिए पीएम ग्राम सड़क योजना, पीएम जनमन योजना, सीएम ग्राम सड़क योजना, सुदूर सड़क योजना के माध्यम से काम कराए जा सकते हैं। इन योजनाओं में 500, 250 और 100 से अधिक जनसंख्या के आधार पर सड़क सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था है।
बताया जाता है कि पहले चरण में 100 से अधिक आबादी वाली बसाहटों को चुना गया था जो बारहमासी सड़कों से नहीं जुड़ी हैं। ऐसी बसाहटों को एमपी एसईडीसी द्वारा सैटेलाइट मैप के माध्यम से चिह्नित किया गया है। इन बसाहटों का वेरिफिकेशन फील्ड में पदस्थ रोजगार सहायक और पंचायत सचिव द्वारा मोबाइल एप संपर्कता सर्वे के माध्यम से किया जा रहा है।
गौरतलब है कि संपर्क विहीन बसाहट वह बसाहट है, जो कि बारहमासी सड़क से जुड़ी बसाहट के 500 मीटर या अधिक दूरी पर स्थित हो। ऐसी संपर्क विहीन बसाहटें जो कि 500 मीटर के रेडियस के अंदर स्थित है, वह सभी बसाहटों का क्लस्टर बनाकर बारहमासी सड़क निर्माण के लिए पात्र होगी।