विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी शासन में पिछले दस सालों में हुए पौधरोपण पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण के नाम पर आयोजन करती है। लेकिन स्थिति यह है कि भारत की राज्य वन रिपोर्ट 2023 के अनुसार सिर्फ दो वर्षों में मध्य प्रदेश से 371 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र कम हो गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छह करोड़ पौधे लगाने का दावा किया और विश्व रिकार्ड की बात कही। लेकिन ये पौधे सिर्फ सरकारी कागजों में ही उग पाए हैं।
पर्यावरण दिवस पर सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर कहा कि आज प्रदेश सरकार विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पर्यावरण संरक्षण के नाम पर बड़े-बड़े कार्यक्रम कर रही है। इस पर वे प्रदेश की जनता को भाजपा सरकार के पिछले 10 साल में पर्यावरण संरक्षण की कुछ उपलब्धियां बता रहे हैं। सिंघार ने लिखा कि वर्ष 2016-17 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 करोड़ पेड़ लगाने का दावा किया। जिसे एक विश्व रिकॉर्ड के तौर पर प्रचारित किया गया। लेकिन अफसोस यह पेड़ सिर्फ सरकारी कागजों में ही उग पाए।

स्मार्ट सिटी के नाम पर भोपाल और इंदौर की हरियाली बर्बाद
सिंघार ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के नाम पर इंदौर और भोपाल की हरियाली बर्बाद कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट बताती है कि पिछले 10 सालों में भोपाल की हरियाली 10% कम हो गई। साथ ही पराली जलाने के मामलों में मध्य प्रदेश पूरे देश में शीर्ष पर है।
पिछले 10 सालों में इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल जैसे शहरों के AQI में भारी गिरावट आई है। बेकाबू रेत उत्खनन की वजह से नर्मदा, चंबल जैसी नदियों को खत्म किया जा रहा है। इस वजह से जल जीवों और जलीय सिस्टम को भारी नुकसान हो रहा है। राज्य की अधिकांश नदियों का पानी अब पीने योग्य नहीं रहा।
सिंघार ने लिखा कि भारत की राज्य वन रिपोर्ट 2023 के अनुसार सिर्फ दो वर्षों में मध्य प्रदेश से 371 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र कम हो गया। इन उपलब्धियों के बाद भी सरकार सचेत नहीं हो रही और सिर्फ अपने खोखले वादे और दिखावटी कार्यक्रम जारी रखे हुए है।