राज्य शासन ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई सभी याचिकाओं के मामले में प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में उपसचिव अजय कटेसरिया को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें आरक्षण संबंधी जवाब देने और महाधिवक्ता को सहायता की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह निर्णय राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वालों और अधिवक्ताओं, महाधिवक्ता और मुख्यमंत्री के साथ शनिवार को हुई बैठक के चलते लिया है। जीएडी ने अपने आदेश में कहा है कि प्रभारी अधिकारी कटेसरिया याचिका में उठाए गए बिंदुओं के साथ महाधिवक्ता को ऐसी भी जानकारी उपलब्ध कराएंगे, जिसकी उन्हें कोर्ट में जरूरत हो। इसके लिए विधि विभाग से परामर्श भी किया जाएगा। इससे संबंधित फाइलें, दस्तावेज, नियम, अधिसूचनाएं और आदेश की जानकारी साथ रखना होगा।
रिपोर्ट तैयार कराने की जिम्मेदारी भी दी
शासकीय अधिवक्ता की सहायता से कोर्ट में दिए जाने वाले उत्तर की डिटेल तैयार कराने और कोर्ट द्वारा मांगी गई सूचना के आधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी भी प्रभारी अधिकारी की होगी। कटेसरिया को यह भी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि अगर कोई आदेश या फैसला राज्य सरकार के विरुद्ध पारित किया जाता हो तो विधि विभाग को वे इसकी जानकारी देंगे और आदेश की कॉपी शीघ्र लेकर उपलब्ध कराएंगे।
इसमें यह भी कहा गया है कि अगर इस दौरान उनका तबादला होता है तो वे इसकी जानकारी सरकार को अर्द्ध सरकारी पत्र के माध्यम से देंगे और जब तक कोई नया प्रभारी अधिकारी नहीं बनता है तब तक इसकी जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।
गौरतलब है कि 23 सितंबर से सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर रोज सुनवाई होने वाली है। इसको लेकर सरकार गंभीर है और चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले और बाकी याचिकाकर्ता अलग-थलग बातें रखने के बजाय सरकार का साथ दें, क्योंकि सरकार भी इसके पक्ष में है। इसको लेकर सीएम निवास में सर्वदलीय बैठक के बाद दिल्ली में भी अधिवक्ताओं की मीटिंग हो चुकी है। साथ ही शनिवार को भोपाल में महाधिवक्ता प्रशांत सिंह और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ अलग-अलग मीटिंग भी कराई जा चुकी है।