एमपी यूथ कांग्रेस के चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। जबलपुर विधायक और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया ने एमपी युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में जीत दर्ज की है। यश को सबसे ज्यादा 3 लाख 13 हजार 730 वोट मिले हैं। जबकि भोपाल के अभिषेक परमार 2,38,780 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे हैं।
15 लाख युवाओं ने भरे थे मेंबरशिप फार्म 18 अप्रैल को एमपी में यूथ कांग्रेस के चुनावों की घोषणा के साथ ही सदस्यता शुरू हुई थी। ऑनलाइन मोड पर एप के जरिए कराई गई मेंबरशिप में हर नए सदस्य को 50 रुपए सदस्यता शुल्क भी अदा करना था। 20 जून से 19 जुलाई तक चलाए गए सदस्यता अभियान में 15,37,527 युवाओं ने सदस्यता फॉर्म भरे। इनमें से 63,153 युवाओं ने सदस्यता शुल्क जमा नहीं किया। सदस्यता शुल्क के साथ 14 लाख 74 हजार 374 युवाओं ने मेंबरशिप के लिए फॉर्म भरे।
युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के उम्मीदवारों में किसे कितने वोट मिले
| उम्मीदवार | वोट मिले |
| यश घनघोरिया | 313730 |
| अभिषेक परमार | 238780 |
| देवेन्द्र सिंह दादू | 27566 |
| शिवराज यादव | 19824 |
| राजवीर कुडिया | 11058 |
| जावेद पटेल | 10205 |
| योगिता सिंह | 6401 |
| शुभांगना राजे जामनिया | 6132 |
| अब्दुल करीम कुरैशी | 5966 |
| प्रमोद सिंह | 5573 |
| मोनिका मांडरे | 5075 |
| स्वीटी पाटिल | 4512 |
| नीरज पटेल | 4510 |
| विनय पांडे | 2234 |
| राजीव सिंह | 2014 |
| प्रियेश चौकडे़ | 1941 |
| गीता कड़वे | 1481 |
| आशीष चौबे | 1329 |
प्रदेश महासचिव में सबसे ज्यादा धीरज सिंह परिहार को मिले 17 हजार वोट
युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के 55 पदों के लिए 182 उम्मीदवार मैदान में थे। प्रदेश महासचिव के लिए सबसे ज्यादा वोट धीरज सिंह परिहार को मिले।
| उम्मीदवार का नाम | प्राप्त वोट |
| धीरेज सिंह परिहार | 17,716 |
| सत्याम सिंह गुर्जर | 15,201 |
| ऋषभ मिश्रा | 14,699 |
| शिवमसिंह परिहार | 13,319 |
| गौरव परमार | 12,972 |
| प्रमोद पटेल | 12,002 |
| सक्षम गुलाटी | 10,792 |
| रोहित राजोरिया | 10,435 |
| देवांशु सिंह परिहार | 9,975 |
| दीपक ठाकुर | 9,801 |
बीजेपी ने साधा निशाना, वंशवाद बताया
बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि कांग्रेस में पद मेहनत से नहीं,वंश और पट्ठावाद की परंपरा से तय होता है! संगठन चुनाव बस औपचारिकता, युवाओं की मेहनत और संघर्ष बेअसर परिणाम पहले से ही फाइनल-अध्यक्ष वही जो नेता का बेटा। कांग्रेस का सच साफ है। जहां लोकतंत्र का सिर्फ नाम लिया जाता है, वहां परिवारवाद ही असली विचारधारा चलती है। युवा चाहे कितना ही संघर्ष कर लें, अंतिम निर्णय तो हमेशा बंद कमरे में परिवार ही करता है।




