एम्स भोपाल में पहली बार हाइब्रिड ऑपरेशन थियेटर (ओटी) बनाकर सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल युवक की जान बचाई गई। 30 साल के युवक की मुख्य धमनी में खतरनाक सूजन थी, जिसे सामान्यत: ओपन हार्ट सर्जरी से ठीक किया जाता है। लेकिन यहां बिना बड़े चीरे वाली तकनीक से मरीज की जान बचाई गई।
हार्ट सर्जनों की टीम ने हाईब्रिड कैथलैब का उपयोग किया। सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डॉ. योगेश निवारिया के नेतृत्व में हुए इस ऑपरेशन में डॉ. एम किशन, डॉ. सुरेंद्र यादव, डॉ. राहुल शर्मा, डॉ. विक्रम वट्टी और डॉ. आदित्य सिरोही शामिल थे।
कैसे किया गया ऑपरेशन
मरीज को पहले एक निजी अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया था, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर उसे एम्स रेफर किया गया। जांच में पता चला कि मुख्य धमनी में बड़ा घाव है और खतरनाक सूजन है। आमतौर पर इसके इलाज के लिए ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत होती है। लेकिन एम्स में बनाए गए हाइब्रिड ओटी में बिना बड़ी चीरफाड़ के खास तकनीक से इस समस्या का हल निकाला गया।
क्यों खास है हाईब्रिड ओटी
- हाईब्रिड ओटी में कैथलैब और ऑपरेशन थियेटर की सुविधाएं साथ होती हैं, जिससे जटिल ऑपरेशनों में सटीकता और बेहतर नतीजे मिलते हैं।
- पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले दर्द और जोखिम कम होता है। इसमें खून का बहाव कम होता है।
- छोटे चीरे की वजह से मरीज जल्द ठीक होकर घर जा सकता है।
- जो ओपन सर्जरी नहीं करा सकते, उनके लिए भी यह विधि कारगर।
यह उपलब्धि एम्स भोपाल की उच्च क्षमताओं को दर्शाती है। हाइब्रिड कार्डियक ओटी के माध्यम से ऑपरेशन की सटीकता और बेहतर परिणाम संभव हुआ है। -डॉ. अजय सिंह, डायरेक्टर, एम्स भोपाल