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जबलपुर के गांवों में फसलों की सुरक्षा के लिए लगाए गए करंट से वन्य जीवों को बढ़ा खतरा

जंगलों के आसपास के गांव में फसलों की सुरक्षा के लिए लगाया जाने वाला करंट धीरे-धीरे वन्य जीवों के लिए खतरा बनता जा रहा है। बीते कुछ माह में कई वन्य जीवों जिसमें तेंदुआ से लेकर चीतल, हिरण शामिल हैं कि मौत इसी करंट के कारण हुई। अभी हाल ही में मझौली वन क्षेत्र के इंद्राणा में मृत मिले तेंदुए की मौत का कारण भी खेतों की मेड़ और बाड़ियों में लगाया गया करंट है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पहले भी खेतों में लगी फसलों की जानवरों से सुरक्षा व जंगली सुअरों के शिकार के लिए करंट लगाया जाता था लेकिन बीते कुछ सालों से अधिकांश गांव में करंट लगाकर फसलों की सुरक्षा की जाने लगी है। जिससे वन्य जीवों को सबसे अधिक खतरा रहता है। गर्मी के दिनों में वन्य जीव पानी व भोजन की तलाश में भटकर गांवों की तरफ आते हैं और इस करंट का शिकार बन जाते हैं।

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वन विभाग के सदस्यों ने बताया कि शहर के चारों ओर के गांव जैसे ललपुर, भटौली, तिलहरी, छेवला, टेमर भीटा, खरहर घाट, जैतपुरी, गधेरी, सुंदरपुर, तिलगवां में फसलों की सुरक्षा के लिए खेतों की मेड़ पर करंट लगाया जा रहा है। जिसकी चपेट में अनजाने में वन्य जीव आ रहे हैं। वन मंडल अधिकारी अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि इस तरह करंट लगाना अपराध है। तेंदुआ ही क्या ऐसे कई वन्य जीव हैं जो इस करंट के कारण अपनी जान से हाथ धो सकते हैं। इसलिए वन विभाग के सदस्यों को गश्त बढ़ाने के लिए कहा गया है। वन मंडल अधिकारी ने बताया कि इंद्राणा के पास जो तेंदुआ मृत मिला था उसके अपराधी को निरंतर चली जांच पड़ताल के बाद पकड़ लिया गया है। अपराधी मझौली ग्राम पड़रिया का रहने वाला है और पूछताछ में उसने यह कबूल किया है कि आवारा जानवरों से फसल को बचाने के लिए उसने करंट लगाया था। जिससे तेंदुए की मौत होने के बाद उसने तेंदुए को जंगल के कच्चे रास्ते पर डाल दिया था।

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