जबलपुर जेल में निरुद्ध बंदी भी अब ग्रहण कर सकेंगे उच्च शिक्षा
नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल में सजा काट रहे बंदी भी अब उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। केंद्रीय जेल जबलपुर में मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के निश्शुल्क अध्ययन केंद्र का शुभारंभ किया गया। अब जेल में निरुद्ध बंदी वाणिज्य एवं प्रबंधन, कला एवं मानविकी, विज्ञान, आइटी एवं कम्प्यूटर पत्रकारिता आदि क्षेत्र में स्नातक स्नातकोत्तर पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स निश्शुल्क कर सकेंगे।
जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर (केन्द्राध्यक्ष, मप्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालय) के मार्गदर्शन में केंद्र का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि एवं मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के प्रो. एवं क्षेत्रीय निदेशक, सागर एवं नोडल अधिकारी डा. दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि सफलता और सुखी जीवन प्राप्त करने के लिए जिस तरह स्वस्थ शरीर के लिए भोजन की आवश्यकता होती है उसी तरह ही उचित शिक्षा प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। शानदार और बेहतर जीवन जीने के लिए यह बहुत आवश्यक है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करके शारीरिक और मानसिक मानक प्रदान करती है। लोगों के रहने के स्तर को परिवर्तित करती है।
पाठ्यक्रम निश्शुल्क, आनलाइन कक्षाएं भी लगेंगी : इस अवसर पर डा. राजपूत द्वारा ये घोषणा भी की गई कि बंदियों को पाठ्य पुस्तकें व अध्ययन सामग्री को निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बंदियों को शिक्षित किया जाएगा। साथ ही योग्यता एवं मांग के अनुसार अन्य पाठ्यक्रम एवं सर्टिफिकेट कोर्स भी भविष्य में प्रारंभ किए जाएंगे। इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशक जबलपुर प्रो. डा. धीरेेंद्र पाठक, उप क्षेत्रीय निदेशक डा. संजीव सिंह, क्षेत्रीय समन्वयक डा. अनूप तिवारी, सहायक जेल अधीक्षक राकेश मोहन उपाध्याय उपस्थित रहे। इसके पहले अतिथियों ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की शयन पट्टिका पर पुष्पांजलि अर्पित की। सुभाष वार्ड की चित्रकारी एवं साज-सज्जा की प्रशंसा की।