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दलालों को 4-4 हजार रुपए देकर की भारत में घुसपैठ, फर्राटेदार हिन्दी बोलने की ली ट्रेनिंग

भोपाल में गिरफ्तार जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के 4 आतंकी 4-4 हजार रुपए देकर भारत में दाखिल हुए थे। घुसपैठ कराने वाले दलालों का नेटवर्क भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के दोनों ओर है। इसका खुलासा खुद आतंकियों ने ATS की पूछताछ में किया है। उन्होंने 2021 में कोविड लॉकडाउन के दौरान दलालों के जरिए घुसपैठ की थी। सबसे पहले जहूर नाम का आतंकी भारत में दाखिल हुआ।IG इंटेलिजेंस डॉक्टर आशीष ने बताया कि चारों आतंकी संगठन अलकायदा की आइडियोलॉजी फॉलो करते हैं। हार्डकोर आतंकी हैं। इंटरनेट वाइस कॉल के जरिए संगठन से जुड़े लोगों से बात करते थे। शुरुआती पूछताछ में आतंकियों ने त्रिपुरा से भारत में दाखिल होने की बात कबूली है। लेकिन, ATS अभी इनके बयानों की भी तस्दीक कर रही है।दलालों का नेटवर्क तोड़ने स्पेशल टीम बनीआतंकी कई महीने तक भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती गांवों में रहे। पूछताछ में आतंकियों ने घुसपैठ का मार्ग, सीमा में दलाल कैसे घुसपैठियों को भारत में घुसपैठ कराते हैं, इसकी जानकारी भी दी है। दलालों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए ATS ने स्पेशल टीम गठित की है। DSP रैंक के ऑफिसर को इस टीम को लीड करेगा।JMB के चारों आतंकियों को MP ATS और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान में रविवार को भोपाल से गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को ATS ने इन्हें कोर्ट में पेश कर 28 मार्च तक के लिए रिमांड पर लिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि दो और संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।दलालों के एजेंट ढाका में रहतेआतंकियों ने कुछ समय असम में भी बिताया है। इसके बाद उत्तरप्रदेश में रहे। ATS उनके रहने वाले स्थानों की जानकारी जुटा रही है। ATS उन्हें उन स्थानों पर लेकर जाएगी, जहां वे रहे हैं। आतंकियों ने पूछताछ में बताया कि भारत-बांग्लादेश के दोनों तरफ दलालों का नेटवर्क सक्रिय हैं, जो सीमा के दोनों तरफ काम करते हैं। ज्यादातर दलालों के एजेंट ढाका (बांग्लादेश) में हैं। उनके सहयोगी सीमा के पास गांवों में एक्टिव रहते हैं। भारत में दाखिल होने के बाद घुसपैठिए खुद को मजदूर बताते हैं।लोकल नेटवर्क की चल रही जांचआईजी आशीष ने बताया कि आतंकियों से जुड़े लोकल नेटवर्क की भी जांच चल रही है। इनसे जुड़े कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। इन्हें मकान दिलाने वाले सलमान से भी इंट्रोगेट किया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य संदिग्ध भी हैं। गिरफ्तार आतंकी प्लास्टिक मनी का उपयोग नहीं करते हैं। जांच एजेंसी उनकी फंडिग को लेकर भी जांच कर रही है।पूरी तरह ट्रेंड आतंकीचारों आतंकी पूरी तरह ट्रेंड हैं। वह बहुत अच्छी हिंदी बोलते हैं। उनके टोन बांग्लादेशी नहीं है। ऐसे में जांच एजेंसी का मानना है कि भारत में दाखिल होने से पहले इन्होंने हिंदी बोलने की ट्रेनिंग ली होगी। ट्रेनिंग के बाद ही इन्हें भेजा गया। वह भोपाल के अलावा प्रदेश के किन-किन जिलों में गए जांच एजेंसी इसकी भी जानकारी जुटा रही है।

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