आपका एम.पी

मध्‍य प्रदेश में अब वनभूमि पर उगाए बांस ग्रामीणों की जीविका का साधन बनेंगे

2749 हेक्टेयर वनभूमि में लगाए हैं बांस के पौधे

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में अब ग्रामीणों की रोजी-रोटी का सहारा बिगड़े वन बनेंगे। ग्रामीण नजदीक की वनभूमि पर बांस लगाएंगे। पांच साल इन पौधों की देखरेख करेंगे और फिर 70 साल तक ये पौधे इन परिवारों की जीविका चलाने का साधन बनेंगे। मध्य प्रदेश बांस मिशन ने प्रयोग के तौर पर पहले साल 2749 हेक्टेयर वनभूमि में बांस के पौधे लगवाए हैं, जिन्हें इतने ही परिवार संभाल रहे हैं। इस योजना में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहयोग कर रहा है।

मप्र बांस मिशन के प्रबंध संचालक यूके सुबुद्धि का कहना है कि इस बार पांच हजार हेक्टेयर में पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में बिगड़े वन को चिह्नित किया गया है। फसल की तरह प्रदेश में बांस का उत्पादन बढ़ाना है। यह स्थायी आमदनी देने वाली योजना है। एक हेक्टेयर में लगे 650 भिर्रे (बांस के पौधे) पांच साल में एक परिवार के लिए सवा लाख या उससे ज्यादा आमदनी का साधन बन जाएंगे और फिर आमदनी साल-दर-साल बढ़ती जाएगी।

बांस उत्पादन बढ़ाना भारत सरकार और राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। योजना बिगड़े वनों के सुधार, स्थानीय स्तर पर रोजगार देने और प्रदेश की हरियाली बढ़ाने में भी सहायक होगी। इसके लिए वन विभाग, ग्राम वन समिति और बांस उत्पादन करने वाले स्व-सहायता समूह के बीच त्रि-पक्षीय अनुबंध होगा, जिसमें साफ कर दिया जाएगा कि वनभूमि पर समूह का कोई अधिकार नहीं होगा और वह सिर्फ बांस का उत्पादन ही कर सकेंगे। बांस लगाने के लिए समूहों को उनके गांव या नजदीक में ही वनभूमि दी जाएगी।

पौधों को पानी देने, निंदाई-गुड़ाई सहित अन्य जरूरी काम के लिए उन्हें मनरेगा योजना से मजदूरी दी जाएगी। यह पहली बार के उत्पादन तक (पांच साल) चलेगा। योजना के अनुसार पांच साल बाद हर साल उत्पादन पर पूरा अधिकार उस परिवार का होगा, जो शुरुआत से देखरेख कर रहा है। यह परिवार बांस काटेगा और बेचेगा। उससे जो राशि आएगी। उसमें से 20 प्रतिशत वन समिति के खाते में जाएगी।

शेष राशि उस परिवार का शुद्ध मुनाफा होगी। एक परिवार को एक हेक्टेयर का जिम्मा योजना के तहत समूह से जुड़े एक परिवार को एक हेक्टेयर की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मिशन के अधिकारियों के अनुसार एक पौधे से पांच साल में कम से कम पांच से छह बांस निकलेंगे। एक बांस 50 रुपये का बिका तो भी एक पौधे के पांच बांस 250 रुपये में बिकेंगे। इस तरह 650 पौधे के बांस एक लाख 62 हजार पांच सौ रुपये के होते हैं। कुछ पौधे खराब भी होंगे तो पहली बार में सवा लाख की आमदनी तय है।

https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770