आपका एम.पी

मप्र पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय में अटका, चार मार्च को खत्म हो रहा है विवेक जौहरी का कार्यकाल

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विवेक जौहरी मार्च में सेवानिवृत्त होंगे। उनका कार्यकाल चार मार्च को पूरा हो रहा है। नियमानुसार अब तक नए डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाना चाहिए, पर गृह विभाग से जनवरी के दूसरे हफ्ते में भेजा गया डीजीपी की नियुक्ति का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय में अटका है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

जानकार बताते हैं कि छह माह से भी कम कार्यकाल (मई 2022) वाले पुलिस महानिदेशक राजीव टंडन को मौका देने के लिए प्रस्ताव भेजने में देरी की जा रही है। उन्हें डीजीपी का प्रभार दिया जा सकता है। पुलिस सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार जिस दिन डीपीजी का पद रिक्त हो रहा है, उससे कम से कम तीन माह पहले नई पदस्थापना के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को प्रस्ताव भेजना अनिवार्य है। राज्य सरकार ने इसमें काफी देरी कर दी है।

वहीं गृह विभाग से मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजे गए प्रस्ताव में अरुणा मोहन राव, राजीव टंडन, यूसी षडंगी और मिलिंद कानस्कर को छोड़कर 1992 बैच तक के अधिकारियों के नाम भेजे गए हैं। दरअसल, जिसे भी डीजीपी नियुक्त किया जाएगा, उसकी सेवानिवृत्ति में कम से कम छह माह का समय होना चाहिए। ये सभी अधिकारी इस अवधि के पहले सेवानिवृत हो जाएंगे। ऐसे में नए डीजीपी के लिए कैबिनेट सचिवालय के सचिव (सुरक्षा) 1987 बैच के आइपीएस सुधीर सक्सेना को प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि वरिष्ठता क्रम में विशेष महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा का नाम सबसे ऊपर है, लेकिन उन्हें पारिवारिक विवाद के चलने दौड़ से बाहर माना जा रहा है। उनके बाद 1987 बैच के सुधीर सक्सेना आते हैं जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसी बैच के पवन जैन और 1988 बैच के अरविंद कुमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।

अभी भी नियुक्ति में लग जाएगा एक माह

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार के प्रस्ताव के बाद संघ लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश शासन को बैठक की सूचना भेजेगा। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस शामिल होंगे। अधिकारियों की वरिष्ठता और सेवा रिकार्ड देखने के बाद आयोग तीन नामों का पैनल बनाकर देगा।

इन तीन नामों में से नए डीजीपी का चयन मुख्यमंत्री को करना है। जौहरी का कार्यकाल ऐसे बढ़ा कमल नाथ सरकार में 1984 बैच के अधिकारी विवेक जौहरी को पुलिस महानिदेशक बनाया गया था। उन्हें 30 सितंबर 2020 को सेवानिवृत होना था, पर उन्हें डीजीपी का कार्यकाल दो साल का रहने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का लाभ मिला। तत्कालीन सरकार ने उनका कार्यकाल दो साल कर दिया, जो चार मार्च 2022 में पूरा हो रहा है।

https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770