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राष्ट्रीय मतदाता दिवस: इंदौर में 24 प्रतिशत युवा मतदाता, किसी भी चुनाव में बदलाव की बड़ी ताकत इनके पास

राजनीति बहुत गंदी है… राजनीति से दूर रहना चाहिए… अरे नेताओं को लड़ना है तो लड़ते रहें, हमें चुनाव से क्या मतलब… वगैरह-वगैरह। आमतौर पर कई युवाओं के मुंह से यह सुना जा सकता है। पर आपको जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि इंदौर जिले में करीब 24 प्रतिशत युवा मतदाता हैं। इन युवा मतदाताओं के पास बदलाव की बड़ी ताकत है। ऐसे में युवा मतदाताओं को मतदान से दूर रहने के बजाय इसे अपना कर्तव्य समझकर चुनाव में हिस्सा लेना होगा।

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राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर नईदुनिया ने पड़ताल की तो पाया कि इंदौर जिले में इस समय कुल 26 लाख 31 हजार 895 मतदाता हैं। इनमें से पांच लाख 95 हजार 13 मतदाता 18 से 29 वर्ष आयु वर्ग के हैं। इनके अलावा हाल ही में किए गए मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में लगभग 40 हजार नए मतदाता भी जुड़े हैं जिन्होंने एक जनवरी 2022 तक 18 साल की आयु पूरी की है। उच्च शिक्षा विभाग में मतदाता जागरूकता की जिले की नोडल और राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर डा. चंद्रकांता भट्ट का कहना है कि मतदाताओं की सहभागिता के बिना कोई लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता। नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए युवाओं को न केवल वोट देना चाहिए, बल्कि राजनीति में आगे आना जरूरी है।

युवाओं ने बनाया था गीत: जन-जन गणतंत्र का भाग्य विधाता

जन-जन गणतंत्र का भाग्य-विधाता… अधिकारी है मत का, जनता ही तर्जनी पर अपनी चिन्ह दिखाती मत का…। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले इंदौर के शासकीय माता जीजाबाई कालेज की छात्रा गुरमीत परमार ने मतदाता जागरूकता के लिए यह गीत बनाया था। कालेज के विद्यार्थियों के दल ने इसे संगीत के साथ गाया था। दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए हर शैक्षणिक संस्थान में विद्यार्थियों को कैम्पस एम्बेसडर बनाया था। गुरमीत भी कालेज में कैंपस की एंबेसडर रहीं।

गुरमीत का मानना है कि लंबे समय से राजनीति में अपराधी और बिना पढ़े-लिखे प्रत्याशी भी चुनकर आ रहे हैं। आज के शिक्षित युवा राजनीति में भी नहीं आएंगे और ऊपर से वोट भी नहीं करेंगे तो यह लोकतंत्र के प्रति हमारी लापरवाही होगी। राजनीति विज्ञान की छात्रा और कैम्पस एम्बेसडर रही सुष्मिता रघुवंशी का मानना है कि कई युवा यह नहीं समझते कि हमने वोट नहीं दिया तो गलत लोग चुनकर आएंगे और इसका सीधा असर हम पर ही पड़ेगा। वे यह भूल जाते हैं कि जो लोग चुनकर लोकसभा या विधानसभा में जाते हैं वही हमारे लिए नीतियां और कानून बनाते हैं। राऊ के शासकीय महाविद्यालय की छात्रा याशी तोमर बताती हैं, हमारा वोट सरकार बना भी सकता है और गलत लोगों को चुनाव से खारिज करने की ताकत भी रखता है।

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